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इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अभय सिंह चौटाला नें ट्वीट कर के बहुजन समाजवादी अध्यक्ष मायावती की प्रशंसा करते हुए उनका आभार व्यक्त किया हैं 

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इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अभय सिंह चौटाला नें ट्वीट कर के बहुजन समाजवादी अध्यक्ष मायावती की प्रशंसा करते हुए उनका आभार व्यक्त किया हैं IMG 20240925 WA0003

आज जननायक चौधरी देवीलाल जी के 111वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में उचाना में आयोजित सम्मान दिवस समारोह में लाखों की तादाद में उपस्थित होकर हरियाणावासियों ने एक नया इतिहास रच दिया। इस अद्भुत जनसमर्थन ने हमारे संकल्प और दृढ़ता को और मजबूत किया है।

मैं आदरणीय बहन कु. मायावती जी और समस्त जनता का दिल से आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर को अपनी गरिमामयी उपस्थिति से और भी विशेष बना दिया।

 

https://x.com/AbhaySChautala/status/1838933051604086882..

कांग्रेस नेता राहुल गांधी का हरियाणा के चुनावी दौरे पर रहेंगे 

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी का हरियाणा के चुनावी दौरे पर रहेंगे IMG 20240924 WA0000

LoP Rahul Gandhi’s schedule for Haryana visit tomorrow:

12:10- 12:50 Delhi – Asandh, Karnal by Helicopter

13:00 – 14:00 Public Meetlng at Assembly: Asandh

14:10- 14:30 Asandh- Barwala, Hissar by Helicopter

14:40- 15:40 Public Meeting @ Assembly: Barwala

15:50- 16:35 Barwala- Delhi by Helicopter

जाते-जाते कई राज्यों में बरसेंगे बादल: मानसून की विदाई धूमधाम से

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मानसून का अब आखिरी सप्ताह शुरू हो चुका है, लेकिन एक नया निम्न दबाव कई राज्यों में भारी बारिश लाने वाला है।

मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में अगले दो दिनों के दौरान मूसलाधार बारिश हो सकती है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, और गुजरात के कई जिलों में तेज बारिश की संभावना है। विशेषकर दक्षिणी गुजरात में भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर जल भराव और कहीं-कहीं बाढ़ की आशंका है।

पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, और उड़ीसा सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी अच्छी बारिश होगी। आज दोपहर के बाद या देर शाम से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली सहित हरियाणा के कुछ भागों में हल्की बारिश शुरू हो सकती है, जो धीरे-धीरे पंजाब के भी कई जिलों को कवर कर लेगी। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना दिखाई दे रही है।

यह बारिश का दौर इन इलाकों में अगले तीन दिनों तक जारी रहेगा। रुक-रुक कर बौछारें पड़ेंगी, जबकि बीच-बीच में धूप भी खिलेगी और बादलों का आगमन भी होता रहेगा। इस दौरान गर्मी से राहत मिल जाएगी।

पूर्वी राजस्थान में 24 घंटे के बाद बारिश शुरू होने की संभावना है।

इस प्रकार, मानसून का यह अंतिम चरण देश के विभिन्न हिस्सों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश और ठंडक लेकर आएगा।

मलेशिया में फंसे झारखंड के 70 मजदूर

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झारखंड के 70 मजदूर मलेशिया में फंसे हुए हैं, जो अपने काम और पारिश्रमिक की उम्मीद में वहां गए थे। उनकी स्थिति काफी चिंताजनक है, क्योंकि उन्हें न तो उचित काम मिल रहा है और न ही उन्हें अपनी मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है।

इन मजदूरों ने बताया कि उन्हें वहां स्थानीय कंपनियों द्वारा भटकाया गया और वादों के बावजूद उन्हें काम पर नहीं रखा गया। इसके अलावा, कई मजदूरों का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया है, जिससे उनकी वापसी की प्रक्रिया में मुश्किलें आ रही हैं।

झारखंड सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप करने का आश्वासन दिया है और संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। परिवार के सदस्य और स्थानीय नेता भी इन मजदूरों की मदद के लिए आवाज उठा रहे हैं, ताकि उन्हें जल्द से जल्द वापस लाया जा सके।

यह स्थिति न केवल मजदूरों के लिए, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी चिंता का विषय है, जो अपने प्रियजनों की सुरक्षा और कल्याण के लिए चिंतित हैं।

पूर्व जस्टिस सुनीत कुमार बने UP REAT के अध्यक्ष

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लखनऊ…रिटायर्ड जस्टिस सुनीत कुमार को “यूपी भू संपदा अपील अधिकरण” (UP REAT) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह आदेश राज्यपाल की मंजूरी के बाद अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण द्वारा जारी किया गया। यह पद पिछले छह महीनों से खाली था। इससे पहले, जस्टिस देवेद्र कुमार अरोड़ा के रिटायर होने के कारण यह पद रिक्त हुआ था।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव नें ट्वीट कर योगी आदित्यनाथ को घेरा 

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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव नें ट्वीट कर योगी आदित्यनाथ को घेरा IMG 20240924 WA0002

 

उप्र के माननीय मुख्यमंत्री जी कम-से-कम अब तो अपने शासन-प्रशासन के कुशासन को स्वीकार कर लीजिए क्योंकि अब तो आपके ही विधायक पुलिस ‘कमिश्नरेट’ को ‘कमीशन-रेट’ की उपाधि से सुशोभित कर रहे हैं।

अब क्या इस आलोचना के बाद आप उन पर भी एफ़आइआर लिखवाएंगे या बुलडोज़र का डर दिखलाएंगे।

भाजपा राज में ‘कमिश्नरेट’ दरअसल ‘करेपश्नेट’ बन गये हैं। कमिश्नरेट वसूली का विकेंद्रीकरण है।

https://x.com/yadavakhilesh/status/1838489957276484057

बदलापुर एनकाउंटर के बाद आरोपी अक्षय शिंदे के ख़िलाफ़ दर्ज हुआ FIR

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बदलापुर एनकाउंटर के बाद आरोपी अक्षय शिंदे के ख़िलाफ़ दर्ज हुआ FIR
एनकाउंटर मामले में अक्षय शिंदे के खिलाफ केस दर्ज किया गया है अक्षय शिंदे के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है मुंब्रा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है अक्षय शिंदे पर मुंब्रा बाईपास रोड पर पुलिस की बंदूक छीनने और पुलिस पर तीन गोलियां चलाने का आरोप है। अक्षय शिंदे की फायरिंग में असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर नीलेश मोरे घायल हो गए

महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर स्थित एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म मामले के मुख्य आरोपित अक्षय शिंदे की सोमवार को पुलिस के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई। अक्षय शिंदे और पुलिस के बीच उस वक्त मुठभेड़ हुई, जब उसे इलाज के लिए तलोजा जेल से ठाणे ले जाया जा रहा था।

बदलापुर एनकाउंटर की घटना के बाद पुलिस ने बताया कि जब आरोपी को इलाज के लिए ले जाया जा रहा था, उस वक्त उसने एक कांस्टेबल की बंदूक छीन ली और पुलिस अधिकारी पर गोली चला दी। इस गोलीबारी में सहायक पुलिस निरीक्षक नीलेश मोरे घायल हो गए। पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे ने आखिरी गोली चलाई, जिसमें वह घायल हो गया। अस्पताल में उसकी मौत हो गई।

मुख्यमंत्री का निर्देश, ऐसे ढाबों/रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों की होगी सघन जांच, हर कर्मचारी का होगा पुलिस वेरिफिकेशन

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लखनऊ -जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट मिलाना वीभत्स, यह सब स्वीकार नहीं: मुख्यमंत्री

खान-पान की चीज़ों की शुद्धता-पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में आवश्यक संशोधन के निर्देश

खान-पान के केंद्रों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर आदि का नाम और पता डिस्प्ले करना होगा अनिवार्य

शेफ हो या वेटर, लगाना होगा मास्क और ग्लव्स, होटल/ रेस्टोरेंट में सीसीटीवी लगाना होगा अनिवार्य

अपशिष्ट आदि गंदी चीजों की मिलावट की तो संचालक/प्रोपराइटर पर भी होगी कठोर कार्रवाई

● मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। देश के विभिन्न क्षेत्रों में घटीं ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के सभी होटलों/ढाबों/रेस्टोरेंट आदि संबंधित प्रतिष्ठानों की गहन जांच, सत्यापन आदि के भी निर्देश दिए हैं साथ ही आम जन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन के भी निर्देश दिए।

महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गए प्रमुख दिशा-निर्देश इस प्रकार हैं:-

● हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/अखाद्य/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं। ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं। ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किया जा सकते। उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जाने आवश्यक हैं।

● ऐसे ढाबों/रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों की जांच की जानी आवश्यक है। प्रदेशव्यापी सघन अभियान चलाकर इन प्रतिष्ठानों के संचालक सहित वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का सत्यापन किया जाए। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस व स्थानीय प्रशासन संयुक्त टीम द्वारा यह कार्यवाही शीघ्रता से सम्पन्न कराई जाए।

● खान-पान के प्रतिष्ठानों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर आदि के नाम और पता प्रमुखता से डिस्प्ले किये जाने चहिये। इस संबंध में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में आवश्यकतानुसार संशोधन भी किया जाए।

● ढाबे/होटलों/रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी की व्यवस्था हो। न केवल ग्राहकों के बैठने के स्थान पर बल्कि प्रतिष्ठान के अन्य हिस्सों को भी सीसीटीवी से कवर होना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि हर प्रतिष्ठान संचालक सीसीटीवी की फीड को सुरक्षित रखेगा और आवश्यकता पड़ने पर पुलिस/स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराएगा।

● खान पान के केंद्रों पर साफ-सफाई होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि खाद्य पदार्थों को तैयार करने तथा सर्विस के समय संबंधित व्यक्ति मास्क/ग्लव्स का उपयोग जरूर करें, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

● आम जन के स्वास्थ्य हितों से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। ऐसा प्रयास करने वालों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए। खाद्य पदार्थों को बनाने, बेचने अथवा अन्य संबंधित गतिविधियों से जुड़े नियमों को व्यवहारिकता का ध्यान रखते हुए और सख्त किया जाए। नियमों की अवहेलना पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में दर्शन किए

दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय तब जुड़ गया जब मुख्यमंत्री आतिशी ने कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में दर्शन किए। इस घटना को लेकर जनता और मीडिया दोनों में उत्साह देखा गया। हनुमान जी की यह प्राचीन मंदिर दिल्ली के केंद्र में स्थित है और यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों भक्त आते हैं। मुख्यमंत्री आतिशी के इस दौरे ने कई धार्मिक और राजनीतिक संदेश दिए। आइए, हम इस महत्वपूर्ण घटना और इसके प्रभावों पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हैं।

आतिशी का मंदिर दौरा: एक सांस्कृतिक और धार्मिक पहल

आतिशी, जो दिल्ली की राजनीति में एक प्रमुख नाम हैं, ने इस दौरे के माध्यम से न केवल धार्मिक महत्व को प्रदर्शित किया बल्कि इसे सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी प्रस्तुत किया। हनुमान मंदिर दिल्ली के सबसे पुराने और लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। मुख्यमंत्री ने यहां विधिवत पूजा की और भक्तों से भी बातचीत की। उन्होंने हनुमान जी के चरणों में माथा टेककर आशीर्वाद लिया और भगवान से शहर की सुख-शांति के लिए प्रार्थना की।

धार्मिक स्थलों का राजनीतिक महत्व

यह दौरा दिल्ली के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में भी एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। धार्मिक स्थलों पर राजनीतिक नेताओं का जाना सदियों से एक परंपरा रही है। इससे न केवल जनता के बीच एक सकारात्मक छवि बनती है, बल्कि धार्मिक मतदाताओं को भी संदेश दिया जाता है कि उनकी आस्थाओं का सम्मान किया जा रहा है। आतिशी का यह दौरा इसी संदर्भ में देखा जा सकता है, जहां वह दिल्ली की बहु-सांस्कृतिक और बहु-धार्मिक जनता के बीच एक सकारात्मक छवि बनाने की कोशिश कर रही हैं।

दिल्ली का हनुमान मंदिर: इतिहास और महत्व

दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर का अपना एक ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। यह मंदिर सैकड़ों वर्षों से दिल्ली की धार्मिक धरोहर का हिस्सा रहा है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां पर हनुमान जी की प्रतिमा को उनके बाल स्वरूप में दर्शाया गया है, जो भक्तों के लिए विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र है। यहां पर हर मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

हनुमान जी को शक्ति, साहस और भक्ति का प्रतीक माना जाता है, और इसी आस्था के साथ मुख्यमंत्री आतिशी ने यहां आकर अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन किया।

आतिशी की छवि: धार्मिकता और सामाजिकता का मिश्रण

मुख्यमंत्री आतिशी का यह दौरा उनकी सामाजिक और धार्मिक छवि को और अधिक सशक्त बनाता है। दिल्ली जैसे महानगर में जहां विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं, ऐसे में आतिशी का यह कदम एकता और सौहार्द का संदेश देता है। उन्होंने अपने दौरे के दौरान मंदिर में उपस्थित लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। यह उनके जनता के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

सार्वजनिक प्रतिक्रिया: मंदिर दौरे पर जनता की राय

आतिशी के इस दौरे पर जनता की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोगों ने इसे एक अच्छा कदम बताया, जिससे दिल्ली के मुख्यमंत्री के धार्मिक और सांस्कृतिक कर्तव्यों का पालन होता है। वहीं कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक रणनीति के रूप में देखा, जो आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर किया गया हो सकता है। हालांकि, अधिकांश जनता ने इस दौरे को सकारात्मक रूप में लिया और आतिशी की धार्मिक आस्थाओं की प्रशंसा की।

राजनीति और धर्म: एक पुराना गठबंधन

भारतीय राजनीति में धर्म और राजनीति का गठबंधन नया नहीं है। हर राजनीतिक नेता समय-समय पर धार्मिक स्थलों का दौरा करता है, ताकि वह जनता के बीच अपनी छवि को और सशक्त बना सके। आतिशी का यह दौरा भी इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है। दिल्ली जैसे शहर में, जहां विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं, वहां एक नेता का धार्मिक स्थलों पर जाना सामाजिक समरसता का प्रतीक माना जाता है।

मंदिरों का दौरा: राजनीतिक रणनीति या आस्था?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आतिशी का यह दौरा एक सोची-समझी राजनीतिक रणनीति हो सकता है। हालांकि, उनके इस दौरे में आस्था का भी महत्वपूर्ण स्थान है। धार्मिक स्थलों पर जाने से जनता के बीच नेता की सकारात्मक छवि बनती है और उन्हें धार्मिक मतदाताओं का समर्थन प्राप्त होता है। आतिशी का यह कदम दिल्ली की राजनीति में एक नया आयाम जोड़ सकता है।

आगे की रणनीति: धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर फोकस

मुख्यमंत्री आतिशी के इस दौरे के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि वह दिल्ली की जनता के धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर भी गहरी रुचि रखती हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि वह और किस प्रकार के धार्मिक और सामाजिक मुद्दों को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल करती हैं।

निष्कर्ष

आतिशी का कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में दर्शन करना एक महत्वपूर्ण घटना है, जिसने दिल्ली की राजनीति में एक नई दिशा दी है। यह दौरा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि राजनीति और धर्म के गठजोड़ का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इस दौरे से आतिशी ने दिल्ली की जनता के बीच एक सकारात्मक छवि बनाई है और आने वाले समय में इसके राजनीतिक प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं।

यूपी में राशन कार्ड की ई केवाईसी (eKYC) का टाइम 31 दिसम्बर 2024 तक बढ़ा दिया गया है

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उत्तर प्रदेश सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ईकेवाईसी (eKYC) की अंतिम तिथि को 31 दिसम्बर 2024 तक बढ़ा दिया है। इस फैसले से उन लाखों लाभार्थियों को राहत मिली है, जो अभी तक अपनी ईकेवाईसी प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाए थे। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य के सभी पात्र लोग राशन वितरण की योजनाओं का लाभ समय पर और सही तरीके से उठा सकें।

ई केवाईसी क्या है और क्यों है जरूरी?

ईकेवाईसी यानी इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर प्रक्रिया, एक डिजिटल पहचान सत्यापन प्रणाली है। इसके तहत सरकार लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करती है ताकि केवल सही और पात्र व्यक्ति ही सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें। राशन कार्ड के तहत मिलने वाले लाभों के लिए ईकेवाईसी बेहद जरूरी है क्योंकि इसके बिना राशन वितरण में पारदर्शिता और सही लाभार्थियों तक पहुंच सुनिश्चित नहीं हो सकती।

ईकेवाईसी कराने के फायदे

  1. सही लाभार्थी को राशन वितरण – ईकेवाईसी से यह सुनिश्चित होता है कि राशन उन्हीं लोगों को मिल रहा है जो वास्तव में इसके पात्र हैं। इससे भ्रष्टाचार और फर्जी राशन कार्ड का मामला कम होगा।
  2. डिजिटल और सरल प्रक्रिया – पहले की तुलना में ईकेवाईसी प्रक्रिया अब पूरी तरह से डिजिटल है, जिससे लोगों को लाइन में खड़े होकर दस्तावेज़ सत्यापन की झंझट से मुक्ति मिलती है।
  3. सरकारी योजनाओं से जुड़े रहना – समय पर ईकेवाईसी कराने से राशन कार्ड धारक अन्य सरकारी योजनाओं के भी पात्र बन सकते हैं, जैसे कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और स्वच्छ भारत मिशन

ईकेवाईसी की प्रक्रिया कैसे करें?

ईकेवाईसी की प्रक्रिया को आसानी से ऑनलाइन पूरा किया जा सकता है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने राशन वितरण प्रणाली की वेबसाइट पर ऑनलाइन ईकेवाईसी सुविधा प्रदान की है।

ऑनलाइन ईकेवाईसी करने के लिए चरण

  1. उत्तर प्रदेश राशन कार्ड पोर्टल पर जाएं – सबसे पहले राज्य सरकार के राशन कार्ड पोर्टल पर जाएं। वेबसाइट का लिंक राज्य सरकार द्वारा विभिन्न माध्यमों से साझा किया गया है।
  2. राशन कार्ड नंबर और आधार नंबर दर्ज करें – पोर्टल पर जाने के बाद आपको अपना राशन कार्ड नंबर और आधार नंबर दर्ज करना होगा। यह सुनिश्चित करें कि आधार कार्ड और राशन कार्ड पर आपका नाम समान हो।
  3. ओटीपी (OTP) वेरिफिकेशन – आधार नंबर दर्ज करने के बाद, आपके आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। इस ओटीपी को दर्ज करें ताकि आपकी पहचान सत्यापित हो सके।
  4. ईकेवाईसी पूरी – ओटीपी वेरिफिकेशन के बाद आपकी ईकेवाईसी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और आपका डेटा सुरक्षित रूप से सरकारी डेटाबेस में सेव हो जाएगा।

ईकेवाईसी कराने की अंतिम तिथि क्यों बढ़ाई गई?

शुरुआती समय सीमा 30 सितम्बर 2024 तय की गई थी, लेकिन कई क्षेत्रों में अभी भी ईकेवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। इसका मुख्य कारण दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट की पहुंच और तकनीकी समस्याएं रही हैं। इसके साथ ही कई लाभार्थी अपनी पहचान प्रमाणित करने में असमर्थ थे। इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसम्बर 2024 कर दी है।

जिन लोगों ने अब तक ईकेवाईसी नहीं कराई, उनके लिए क्या विकल्प हैं?

जो लाभार्थी अभी तक अपनी ईकेवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए हैं, वे निम्नलिखित तरीकों से इसे पूरा कर सकते हैं:

  1. सहायता केंद्रों पर जाएं – राज्य सरकार द्वारा स्थापित सहायता केंद्रों पर जाकर भी ईकेवाईसी प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। इन केंद्रों पर डिजिटल उपकरणों की सहायता से प्रक्रिया की जाएगी।
  2. आधार सेवा केंद्र का प्रयोग करें – आधार से संबंधित कोई भी समस्या होने पर लाभार्थी आधार सेवा केंद्र में जाकर अपने आधार कार्ड से संबंधित जानकारी को सही करवा सकते हैं।

ईकेवाईसी न कराने पर क्या होंगी समस्याएं?

जो लाभार्थी ईकेवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाएंगे, उन्हें राशन कार्ड द्वारा मिलने वाले खाद्य पदार्थों का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसके अलावा, ऐसे लाभार्थी अन्य सरकारी योजनाओं से भी वंचित हो सकते हैं। इसलिए सभी लाभार्थियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे 31 दिसम्बर 2024 तक अपनी ईकेवाईसी प्रक्रिया पूरी कर लें।

ईकेवाईसी में आने वाली सामान्य समस्याएं

ईकेवाईसी प्रक्रिया के दौरान कई लोगों को कुछ सामान्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि:

  1. आधार कार्ड की जानकारी में अंतर – यदि आधार कार्ड और राशन कार्ड पर नाम या अन्य जानकारी में कोई अंतर होता है, तो ईकेवाईसी प्रक्रिया सफल नहीं हो पाती।
  2. मोबाइल नंबर का न जुड़ा होना – यदि आपके आधार कार्ड से जुड़ा मोबाइल नंबर वर्तमान में आपके पास नहीं है, तो ओटीपी वेरिफिकेशन नहीं हो पाएगा और आपको आधार सेवा केंद्र जाकर नंबर को अपडेट कराना होगा।
  3. तकनीकी समस्याएं – कई बार वेबसाइट पर भारी ट्रैफिक या इंटरनेट की धीमी गति के कारण ईकेवाईसी प्रक्रिया में तकनीकी समस्याएं आ सकती हैं।

समस्याओं का समाधान कैसे करें?

  1. आधार सेवा केंद्र जाकर विवरण सही कराएं – यदि आपके आधार कार्ड की जानकारी में कोई त्रुटि है, तो नजदीकी आधार सेवा केंद्र पर जाकर इसे सही करवाएं।
  2. ग्रामीण इलाकों के लिए सहायता केंद्र – जिन क्षेत्रों में इंटरनेट की समस्या है, वहां राज्य सरकार ने विशेष सहायता केंद्र स्थापित किए हैं जहां से आप ईकेवाईसी प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राशन कार्ड ईकेवाईसी की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2024 तक बढ़ा दी गई है। यह निर्णय लाभार्थियों के लिए राहत भरा है और यह सुनिश्चित करता है कि सभी पात्र लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि समय पर अपनी ईकेवाईसी प्रक्रिया पूरी करें ताकि आप किसी भी तरह के राशन वितरण या सरकारी योजनाओं से वंचित न रहें।