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देवरा: पार्ट 1′ मूवी रिव्‍यू

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फिल्म ‘देवरा: पार्ट 1’ लंबे समय से चर्चाओं में थी और फैंस को जूनियर एनटीआर और सैफ अली खान की इस फिल्म से काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, फिल्म के निर्देशन, एक्शन और परफॉर्मेंस में कुछ खासियाँ हैं, लेकिन कहानी के कमजोर पक्षों ने दर्शकों को पूरी तरह से प्रभावित नहीं किया।
कहानी एक आतंकी हमले के डर और तस्करी की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जिसमें देवरा (जूनियर एनटीआर) और भैरा (सैफ अली खान) के बीच की खींचतान को दिखाया गया है। देवरा, जो पहले तस्करी में शामिल था, बाद में इस अपराध से खुद को दूर कर लेता है, लेकिन भैरा इससे बाहर नहीं निकल पाता। कहानी में देवरा के बेटे वारा की भूमिका भी महत्वपूर्ण है, जो अपने पिता के दुश्मनों से हाथ मिलाता है, और इसी संघर्ष को फिल्म के दूसरे हिस्से में दिखाया जाएगा।

फिल्म का निर्देशन कमजोर कहानी के चलते प्रभावित करता नहीं दिखता। निर्देशक कोरटाला शिवा ने किरदारों और कहानी को स्थापित करने में बहुत समय लिया है, जिससे फिल्म का पहला हिस्सा धीमा और दोहरावपूर्ण लगने लगता है। वहीं, एक्शन सीक्वेंस जरूर रोमांचक हैं, खासकर जूनियर एनटीआर और सैफ अली खान के बीच के दृश्य। सिनेमेटोग्राफी, विशेष रूप से समंदर और तस्करी से जुड़े दृश्य शानदार हैं, लेकिन वीएफएक्स औसत हैं और फिल्म की लंबाई इसे और थकाऊ बना देती है।

अभिनय के मामले में जूनियर एनटीआर ने डबल रोल में अच्छा काम किया है। उनका देवरा का किरदार दमदार है, लेकिन वारा का भोला और डरपोक चरित्र उतना प्रभावी नहीं बन पाया। सैफ अली खान की नकारात्मक भूमिका में प्रदर्शन प्रभावशाली है, मगर उनके किरदार को सही तरीके से विकसित नहीं किया गया। जान्हवी कपूर का स्क्रीन स्पेस बेहद सीमित है, और उनका किरदार सिर्फ ग्लैमर और रोमांस तक सीमित है। सहायक किरदारों में प्रकाश राज और मुरली शर्मा ने अच्छा काम किया है, जबकि जरीना वहाब और श्रीकांत भी अपने-अपने किरदारों में ठीक नजर आते हैं।

संगीत की बात करें तो फिल्म का सिर्फ एक गाना “धीरे धीरे” यादगार है, बाकी गाने खास प्रभाव नहीं डालते। क्लाइमैक्स में फिल्म को अधूरे सवालों के साथ छोड़ा गया है, जो कि अगले पार्ट में सुलझेंगे।

कुल मिलाकर, ‘देवरा: पार्ट 1’ की कहानी कमजोर है, लेकिन एक्शन, सिनेमेटोग्राफी और परफॉर्मेंस अच्छे हैं। फिल्म का फर्स्ट हाफ धीमा और खिंचाव वाला है, जबकि सेकंड हाफ एक्शन और इमोशन से भरा हुआ है।25 09 2024 devara film 1 23804398

भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आने वाले दिनों में **2-3 रुपए प्रति लीटर** तक की कटौती हो सकती है

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भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आने वाले दिनों में **2-3 रुपए प्रति लीटर** तक की कटौती हो सकती है। इसका मुख्य कारण कच्चे तेल की कीमतों में आई कमी है। **मार्च से सितंबर** के बीच कच्चे तेल की कीमतों में लगभग **12%** की गिरावट आई है, जिससे ऑयल मार्केटिंग और रिफाइनिंग कंपनियों का मार्जिन बढ़ा है।

रेटिंग एजेंसी **इक्रा** की रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने भारत में इम्पोर्ट होने वाले क्रूड ऑयल की औसत कीमत घटकर **74 डॉलर प्रति बैरल** रह गई है, जबकि मार्च में यह **83-84 डॉलर प्रति बैरल** थी। आखिरी बार मार्च में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में **2 रुपए प्रति लीटर** की कटौती की गई थी।

इक्रा के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट **गिरीश कुमार कदम** ने कहा कि इस अवधि के दौरान ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की प्रति लीटर कमाई में भी वृद्धि हुई है—पेट्रोल पर **15 रुपए** और डीजल पर **12 रुपए** प्रति लीटर। अगर कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं, तो पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती की संभावना बनी रहेगी, जिससे आम जनता को राहत मिल सकती है।

केरल बनता है जा रहै हैं बीमारियों का एंट्री प्वाइंट ..देश में फैलने वाली खतरनाक बिमारियो की शुरुआत केरल से हो रही हैं

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केरल बनता है जा रहै हैं
बीमारियों का एंट्री प्वाइंट ..देश में फैलने वाली खतरनाक बिमारियो की शुरुआत केरल से हो रही हैं
कोरोना, निपाह और जीका वायरस जैसी कई वायरल बीमारियों का पहला मामला केरल में ही आया था सामने
कोरोना निपाह, जीका वायरस हो या फिर मंकीपॉक्स… ये बीमारियां सबसे पहले केरल में रिकॉर्ड हुई थीं। साल 2020 में कोरोना वायरस का पहला मामला केरल में ही डिटेक्ट हुआ था। कोविड-19 के शुरुआत में केरल राज्य में काफी हो-हल्ला मच गया था। हालांकि, फिर धीरे-धीरे पूरे देश में ही कोरोना वायरस के मामले मिलने लगे। यानी कोरोना वायरस का पहला केस केरल में मिला और फिर महामारी देशभर में फैल गई। इतना ही नहीं, कोरोना वायरस के अधिकतर नए वैरिएंट की एंट्री भी केरल से ही हुई है। बीते कुछ सालों में मंकीपॉक्स, निपाह, टोमेटो और जीका वायरस जैसी बीमारियां भी केरल से ही देश में दाखिल हुई हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दक्षिण के इसी राज्य से सारी बीमारियां या महामारियां क्यों फैलती हैं?

JN.1 कोविड, मंकीपॉक्स, निपाह वायरस जैसी खतरनाक बीमारियों का सबसे पहला केस केरल में आया था सामने
बीमारियों को लेकर हमेशा ही अलर्ट रहा है केरल का स्वास्थ्य विभाग
देश में केरल का साक्षरता दर है सबसे अधिक
राज्य के अधिकतर लोग जंगल के पास बसे हैं। ऐसे में पशु-पक्षियों से सीधा संपर्क होने की वजह से केरल बनता है बीमारियों का एंट्री प्वाइंट

अगर केरल को भारत में आने वाली बड़ी बीमारियों का एंट्री प्वाइंट कहा जाए, तो गलत नहीं होगा, क्योंकि केरल के रास्ते से ही मंकीपॉक्स, कोरोना और निपाह वायरस जैसी बीमारियां पहली बार भारत में दाखिल हुई थीं। अगर देखा जाए, तो 10 से ज्यादा वायरल और नॉन वायरल बीमारियों का पहला केस सबसे पहले केरल में सामने आया, जिसके बाद इन बीमारियों ने पूरे भारत को अपनी चपेट लिया।
दरअसल, केरल का स्वास्थ्य विभाग हमेशा ही ऐसी बीमारियों से निपटने के लिए अलर्ट रहता है। केरल में सबसे पहले बीमारियों के दस्तक के पीछे वहां की भौगोलिक स्थिति भी कुछ हद तक जिम्मेदार है। एक्सपर्ट्स की मानें तो वहां फैले हुए जंगल और मानसून पैटर्न भी राज्य को बीमारी के लिए काफी संवेदनशील बनाते हैं। वहीं, राज्य के अधिकतर लोग जंगल के पास बसे हुए हैं। लोगों का पशु-पक्षियों और जानवरों के बीच सीधा संपर्क भी वायरस और बैक्टीरिया के फैलने की वजह बनता है।

केरल का हेल्थ सिस्टम काफी एक्टिव है। जैसे ही किसी बीमारी का आउटब्रेक होता है, डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करवाने पर जोर देते हैं। टेस्टिंग केरल में किसी बीमारी का केस जल्दी डायग्नोज होने का एक मुख्य कारण हो सकता है। यहां का हेल्थ सिस्टम भी काफी स्ट्रॉन्ग है, जो बीमारियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहता है। इसके अलावा, केरल की धरती भव्य पहाड़ियों और खूबसूरत जलाशयों से भरी हुई है। इसकी वजह से जूनोटिक बीमारियों (पक्षियों और जानवरों से फैलने वाली बीमारियां) के, इंसानों में फैलने की संभावना बढ़ जाती है। दरअसल, केरल में जंगल काफी ज्यादा है, तो जानवरों और इंसानों के बीच संपर्क ज्यादा होता है। इसकी वजह से बीमारियां जल्दी फैल सकती हैं।

इन बीमारियों का पहला केस केरल में हुआ दर्ज
रैट फीवर- 2018
‘रैट फीवर’ को लेप्टोस्पायरोसिस भी कहते हैं। ये एक तरह का बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जिसके कारण रोगी को तेज बुखार आता है और समय पर इलाज न मिल पाने के कारण उसकी मौत हो सकती है। लेप्टोस्पायरोसिस आमतौर पर चूहों, कुत्तों और दूसरे स्तनधारियों में पाया जाने वाला रोग है, जिसके वायरस की चपेट में इंसान भी आ जाते हैं। बाढ़ के दौरान इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि बाढ़ के समय मनुष्य, पशु और अन्य छोटे जीव एक ही जगह पर इकट्ठा हो जाते हैं और पानी के कारण इस वायरस के फैलने की संभावना भी बढ़ जाती है।

इस बीमारी की चपेट में आए हुए जानवरों को छूने, उनसे निकले लार या मल से, संक्रमित पानी के संपर्क में आने से, मिट्टी और कीचड़ के संपर्क में आने से ये रोग तेजी से फैलता है। इसके अलावा, लेप्टोस्पायरोसिस की चपेट में आए रोगी के खांसने, छींकने और मल-मूत्र से भी ये रोग दूसरे लोगों में फैल सकता है। 2010 से पहले केरल में हर साल रैट फीवर की वजह से लगभग 100 मौतें हो जाती थीं। जनवरी से जुलाई 2018 तक केरल में लेप्टोस्पायरोसिस के कारण 28 मौतें हुईं।

निपाह वायरस- 2018
निपाह वायरस (NiV) एक जूनोटिक बीमारी है। यह बीमारी जानवरों से इंसानों में आसानी से फैल सकती है। इसके अलावा निपाह वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है। यह वायरस सुअर और चमगादड़ जैसे जानवरों में भी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। निपाह वायरस का पहला मामला भी केरल में ही सामने आया था।

आपको बता दें कि 2018 में केरल राज्य में निपाह वायरस का आउटब्रेक हुआ था। 2023 में 9 सितंबर को केरल के कोझिकोड जिले में निपाह का पहला मामला रिकॉर्ड हुआ था। इसके बाद निपाह वायरस के मामले देश के अन्य राज्यों में भी सामने आने लगे थे। अगर दुनिया की बात करें, तो निपाह वायरस पहली बार 1999 में मलेशिया में मिला था। भारत में साल 2001 और 2007 में भी निपाह वायरस के मामले सामने आए थे।

कोविड 19- 2020
साल 2020 में कोरोना वायरस महामारी ने दुनियाभर में कोहराम मचा दिया था। दुनियाभर में लॉकडाउन तक की स्थिति आ गई थी। आपको बता दें कि कोविड-19 SARS-CoV-2 वायरस के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है। यह एक से दूसरे में व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है। वैसे तो कोरोना वायरस किसी भी व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है लेकिन हृदय, डायबिटीज, पुरानी सांस या कैंसर रोगियों में कोविड-19 होने की संभावना ज्यादा होती है। खांसी, बुखार, शरीर में दर्द, सूंघने की शक्ति कम होना आदि कोरोना वायरस के आम लक्षण हो सकते हैं।

आधिकारिक डाटा के मुताबिक कोरोना वायरस की शुरुआत 2019 में चीन के वुहान में हुई थी। मार्च 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया था। भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 29 जनवरी 2020 में केरल के त्रिशूर जिले में पाया गया था। इसके बाद कोरोना वायरस धीरे-धीरे देशभर में फैल गया और इसकी वजह से लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई।

जीका वायरस- 2021
जीका एक मच्छर जनित वायरस है। यह एक प्रकार का फ्लेविवायरस है, जो जीका संक्रमण का कारण बनता है। दरअसल, जीका वायरस साल 1947 में युगांडा में पहली बार एक बंदर में पाया गया था। इसके बाद, 1950 के दशक में अफ्रीकी देशों में इंसानों में इसका संक्रमण मिला। बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, आंखों में लालिमा आदि जीका वायरस के लक्षण होते हैं। इसके लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 3-14 दिन बाद शुरू होते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जीका वायरस को 1 फरवरी 2016 को पब्लिक हेल्थ एमरजेंसी घोषित कर दिया था। आपको बता दें कि साल 2016 में भारत में जीका वायरस का पहला मामला गुजरात में मिला था। लेकिन 8 जुलाई 2021 में जीका वायरस का पहला केस केरल के तिरुवनंतपुरम जिले में मिला था। जीका वायरस संक्रमित व्यक्ति या जानवर के खून, ब्रेस्ट मिल्क, पेशाब, सीमन या फिर शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ में मिल सकता है और इन्हीं के जरिए फैल सकता है।

टोमैटो फीवर- 2022
देश में टोमैटो फीवर की एंट्री भी केरल राज्य से ही हुई थी। टोमैटो फीवर के लक्षण, फ्लू जैसी वायरल बीमारी से ही मिलते-जुलते थे। मतली, डायरिया, बुखार, उल्टी और फफोले आदि टोमैटो फीवर के लक्षण हो सकते हैं। टोमैटो फीवर के अधिकतर मामलों में दर्दनाक या लाल रंग के छाले भी नजर आ सकते हैं। आपको बता दें कि देश में 6 मई 2022 को टोमैटो फीवर के पहले मामले की पुष्टि हुई थी, जो कि केरल के कोल्लम जिले में पाया गया था।

इतना ही नहीं, जुलाई 2022 तक इस फीवर से 80 से अधिक बच्चे संक्रमित हो गए थे, जो कि 5 वर्ष से कम उम्र के थे। यह बीमारी संक्रामक होती है और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभाव में ज्यादा लेती है। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के पास रहने या उसके द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुओं के संपर्क में आने से फैल सकती है।

मंकीपॉक्स- 2022
मंकीपॉक्स को Mpox के नाम से भी जाना जाता है। मंकीपॉक्स, वायरस के संक्रमण से होने वाली एक बीमारी है। यह वायरस, उसी परिवार का हिस्सा है, जो चेचक का कारण बनता है। मंकीपॉक्स होने पर त्वचा पर दाने, फुंसी या छाले जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। यह एक जूनोटिक बीमारी है, यानी मंकीपॉक्स जानवरों और लोगों के बीच फैल सकता है।

आपको बता दें कि मंकीपॉक्स के ज्यादातर मामले मध्य और पश्चिम अफ्रीका में सामने आते हैं। भारत की बात करें, तो इसके पहले मामले की पुष्टि 14 जुलाई 2022 को केरल के कोल्लम शहर में हुई थी। तब से केरल सरकार, मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

ब्रेन ईटिंग अमीबा- 2024
हाल ही में केरल के कोझिकोड जिले में ब्रेन ईटिंग अमीबा संक्रमण की वजह से 14 साल के लड़के की मौत हो गई। इस संक्रमण को अमीबिक एन्सेफलाइटिस के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि यह दिमाग को प्रभावित करने वाला वाला एक दुर्लभ और खतरनाक संक्रमण है। यह संक्रमण अमीबा नेग्लरिया फाउलेरी नाम के एक-कोशकीय जीव के कारण फैलता है, जो तालाबों और झीलों में पाया जाता है।

साल 2024 की बात करें, तो राज्य में इसके संक्रमण का पहला मामला 21 मई को मलप्पुरम में मिला था। वहीं, दूसरा मामला कन्नूर जिले में 25 जून को सामने आया, जिसमें 13 साल की लड़की की मौत हो गई थी। इसके अलावा साल 2023 में भी इस संक्रमण का पहला मामला केरल के अलाप्पुझा जिले में ही सामने आया था।

वेस्ट नाइल फीवर- 2024
वेस्ट नाइल फीवर, क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छरों से फैलता है। यह जापानी और पीले बुखार का कारण बनने वाले वायरस से संबंधित होता है। आपको बता दें कि यह वायरस पक्षियों और जानवरों के साथ ही, इंसानों में भी फैल सकता है। जब संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो इससे वह व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है। हालांकि, यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलता है।

वैसे तो इस वायरस से संक्रमित 80 फीसदी लोगों को लक्षण महसूस नहीं होते हैं लेकिन जब संक्रमण ज्यादा बढ़ जाता है, तो बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और थकान जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। इस मामले में कुछ लोगों की ग्रंथियों में भी सूजन आ जाती है।

आपको बता दें कि वेस्ट नाइल फीवर का पहली बार 1937 में युगांडा में पता चला था। फिर साल 2011 में इस बुखार ने पहली बार केरल में दस्तक दी। इसके बाद, मई 2024 में भी केरल के त्रिशूर, कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में वेस्ट नाइल बुखार के मामलों की पुष्टि हुई थी।

क्रैब (केकड़ा) खाने के फायदे और नुकसान, जानें कितना सेहतमंद होता है ये समुद्री भोजन

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क्रैब (केकड़ा) खाने के फायदे और नुकसान, जानें कितना सेहतमंद होता है ये समुद्री भोजन
क्रैब मीट (केकड़े का मांस) के सेवन से शरीर को तमाम फायदे मिलते हैं लेकिन कुछ लोगों के लिए इसका सेवन हानिकारक भी होता है।

हमारे खानपान का सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। शरीर को स्वस्थ और पौष्टिक तत्वों से भरपूर बनाए रखने के लिए लोग तमाम चीजों का सेवन करते हैं। आज के समय में सीफूड खाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सीफूड का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। दुनियाभर में लोग कई तरह के सीफूड का सेवन करते हैं। सीफूड खाने के शौकीन क्रैब यानि केकड़ा का सेवन जरूर करते हैं। क्रैब मीट का सेवन स्वास्थ्य के लिए अनेकों गुणों से युक्त होता है लेकिन अगर इसका सेवन सही तरीके से नहीं किया जाये तो इसके नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं। क्रस्टेशियन यानी कड़े खोल वाले केकड़ों की प्रजाति में तमाम तरह के केंकड़े होते हैं लेकिन इनमें से कुछ क्रैब का सेवन लोग करते हैं। यह समुद्री भोजन तमाम पोषक तत्वों से भरपूर होता है। आइये जानते हैं क्रैब मीट के सेवन से शरीर को होने वाले फायदे और इसके नुकसान के बारे में।

क्रैब मीट में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Crab Meat Nutritional Value)

केकड़ा के मांस यानि क्रैब मीट में स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद अनेक पोषक तत्व मौजूद होते हैं। क्रैब मीट भूरे रंग का होता है और इसमें विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है। क्रैब मीट में विटामिन बी12, सेलेनियम, जिंक, आयोडीन जैसे पोषक तत्व प्रमुखता से पाए जाते हैं। केकड़े के मांस को आप अपनी डाइट में भी शामिल कर सकते हैं। आइये जानते हैं इसमें मौजूद पोषक तवों के बारे में।

विटामिन बी 12
फोलेट
आयरन
सेलेनियम
जस्ता
नियासिन
कैलोरी
प्रोटीन
फॉस्फोरस

क्रैब मीट खाने के फायदे (Crab Meat Health Benefits)
क्रैब मीट में प्रचुर मात्रा में मौजूद प्रोटीन शरीर की मांसपेशियों का विकास करने के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन, ओमेगा 3 और सेलेनियम भी शरीर के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। नियमित रूप से केकड़े के मांस का सेवन करना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। यही कारण है कि दुनियाभर में लोग इसका खूब सेवन करते हैं। क्रैब मीट के सेवन से स्वास्थ्य को मिलने वाले फायदे इस प्रकार से हैं।

1. एनीमिया की समस्या में फायदेमंद – केकड़े के मांस यानि क्रैब मीट का सेवन एनीमिया की समस्या में बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व जैसे विटामिन बी 12 और फोलेट व आयरन एनीमिया की समस्या में बहुत फायदेमंद होते हैं। विटामिन की कमी से होने वाले एनीमिया में कम हुईं लाल रक्त कणिकाओं के लिए इसका सेवन फायदेमंद होता है।

2. हार्ट के लिए बहुत उपयोगी – क्रैब मीट का सेवन करने से दिल का स्वास्थ्य ठीक रहता है और दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों के बचाव में भी ये फायदेमंद माना जाता है। क्रैब मीट में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड हार्ट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद महत्वपूर्ण पोषक तत्व ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद कर सकते हैं, रक्त के थक्के को कम करने का काम करते हैं।

3. दिमाग को स्वस्थ रखने में फायदेमंद – तमाम शोध इस बात की पुष्टि करते हैं कि केकड़े का मांस दिमाग की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। सप्ताह में कम से कम एक बार सीफूड का सेवन मस्तिष्क के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। क्रैब मीट का सेवन करने से अल्जाइमर जैसे रोग का खतरा कम होता है। क्रैब मीट में मौजूद ओमेगा 3 दिमाग की सेहत के लिए उपयोगी माना जाता है।

4. हड्डियों के लिए फायदेमंद क्रैब मीट – हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए क्रैब मीट का सेवन जरूर करना चाहिए। क्रैब मीट में मौजूद फॉस्फोरस हड्डियों के लिए बहुत उपयोगी होता है। क्रैब मीट में पाया जाने वाले फॉस्फोरस हड्डियों के साथ-साथ दांतों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या में भी क्रैब मीट का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।
5. प्रोटीन का अच्छा स्रोत – क्रैब मीट में प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पायी जाती है। केकड़े के मांस को प्रोटीन के सबसे अच्छे स्रोत के रूप में जाना जाता है। इसमें संतृप्त वसा की मात्रा नहीं होती है जिसकी वजह से यह सेहत के लिए और उपयोगी हो जाता है। इसमें पाया जाने वाले प्रोटीन उच्च गुणवत्ता का होता है।

क्रैब मीट खाने के नुकसान (Side Effects of Eating Crab Meat)
केकड़े के सेवन से स्वास्थ्य को फायदे तो होते ही हैं लेकिन कुछ लोगों के लिए इसका सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है। इसके सेवन से होने वाले प्रमुख नुकसान इस प्रकार से हैं।

सीलिएक रोग या ग्लूटेन के प्रति संवेदनशीलता वाले लोगों को क्रैब मीट के सेवन से बचना चाहिए।
केकड़े के मांस में कैडमियम की मात्रा अधिक पायी जाती है, जिसका अधिक मात्रा में सेवन विषाक्त होता है।
केकड़े में सोडियम की भी मात्रा अधिक होती है इसलिए हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं, बच्चों और कुछ वयस्कों में इसके सेवन से फूड प्वाइजनिंग की समस्या हो सकती है।ALR 146626 the worlds greatest crab recipe VAT 2x1 143c58650f054718816efd386162a315ALR 146626 the worlds greatest crab recipe VAT 2x1 143c58650f054718816efd386162a315 1

Bhool Bhulaiyaa 3 का टीजर आखिरकार आउट हो गया है..

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**भूल भुलैया 3** का टीजर रिलीज हो चुका है, और इसे लेकर दर्शकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। इस बार फिर से **मंजुलिका** का कहर देखने को मिलेगा, जिसे पहले फिल्म में **विद्या बालन** ने निभाया था। टीजर में **कार्तिक आर्यन** अपने चर्चित किरदार **रूह बाबा** के रूप में वापस आए हैं और मंजुलिका से छुटकारा पाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।

फिल्म में **तृप्ति डिमरी**, **माधुरी दीक्षित**, और **राजपाल यादव** भी अहम भूमिकाओं में हैं, जिससे दर्शकों की उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं। टीजर को देखते ही इसे कई लोग ब्लॉकबस्टर मान रहे हैं।

**भूल भुलैया 3** को **अनीस बज्मी** ने निर्देशित किया है और फिल्म **दिवाली** के मौके पर सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

Bhool Bhulaiyaa 3 का टीजर आखिरकार आउट हो गया है। पोस्टर्स के जरिए दर्शकों की उत्सुकता बढ़ाने वाले मेकर्स ने आज फिल्म का धांसू टीजर रिलीज किया है। भूल भूलैया में एक बार फिर मंजुलिका का कहर देखने को मिलेगा। टीजर में कार्तिक आर्यन विद्या बालन और तृप्ति डिमरी छा गए हैं। देखिए अनीस बज्मी की अपकमिंग फिल्म का ट्रेलर।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। साल की मच अवेटेड फिल्म भूल भुलैया 3 (Bhool Bhulaiyaa 3) का टीजर आउट हो गया है। अनीस बज्मी निर्देशित हॉरर कॉमेडी की खास बात यह है कि फिल्म में मंजुलिका वापस आ गई है। भूल भुलैया में मंजुलिका का सामना पहले अक्षय कुमार से पड़ा था और अब कार्तिक आर्यन इससे पीछा छुड़ाते हुए नजर आएंगे।

साल 2007 में प्रियदर्शन फिल्म भूल भुलैया लेकर आए जो बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही थी। फिल्म में विद्या बालन मंजुलिका बनी थीं और अक्षय कुमार डॉक्टर आदित्य बने थे। परेश रावल, शाइनी आहूजा, अमीषा पटेल और राजपाल यादव से सजी फिल्म को लोगों ने खूब पसंद किया था।

भूल भुलैया 3 की दिलचस्पी पहले से ज्यादा इसलिए भी है, क्योंकि इसमें मंजुलिका यानी विद्या बालन की वापसी हुई है। फिल्म के टीजर में मंजुलिका की झलक दिखाई गई है। कार्तिक आर्यन जो रूह बाबा का किरदार निभा रहे हैं, वो मंजुलिका से छुटकारा पाने का प्रयास करते हुए नजर आए।

टीजर आउट होते ही लोग इसे ब्लॉकबस्टर फिल्म बता रहे हैं। मालूम हो कि भूल भुलैया 3 में कार्तिक के साथ लीड रोल में तृप्ति डिमरी हैं। फिल्म में माधुरी दीक्षित और राजपाल यादव जैसे कलाकार भी नजर आएंगे। मूवी दिवाली के दिन सिनेमाघरों में दस्तक देगी

https://www.youtube.com/watch?v=sp3Io6rcA8E maxresdefault

Bhool Bhulaiyaa 3 | Teaser | Kartik Aaryan, Vidya Balan, Triptii Dimri |Anees Bazmee |Bhushan Kumar

**स्त्री 2** ने अपनी रिलीज के 43वें दिन भी बॉक्स ऑफिस पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। फिल्म की शुरुआत से ही कमाई का सिलसिला जारी है और हाल ही में यह फिल्म 600 करोड़ के क्लब में शामिल हो गई है।

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**सैकनिल्क की रिपोर्ट** के मुताबिक, 43वें दिन (छठे गुरुवार) पर फिल्म ने लगभग **1 करोड़** रुपये का कलेक्शन किया है। यह खास बात है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म **प्राइम वीडियो** पर रेंट फॉर्मेट में रिलीज होने के बावजूद, थिएटर्स में दर्शक अभी भी फिल्म देखने जा रहे हैं।

इसका मतलब है कि **श्रद्धा कपूर** और **राजकुमार राव** की यह हॉरर कॉमेडी फिल्म दर्शकों का प्यार बटोरने में अब भी कामयाब हो रही है।

Stree 2 Day 43 Box Office Collection हॉरर कॉमेडी फिल्म स्त्री 2 को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर (Stree 2 OTT Release) रेंट फॉर्मेट में रिलीज कर दिया है। इसके बाद बॉक्स ऑफिस पर कमाई के मामले में श्रद्धा कपूर और राजकुमार राव की फिल्म हार मानने को तैयार नहीं है। रिलीज के 43वें दिन भी स्त्री 2 ने हैरान करने वाला कलेक्शन कर के दिखाया है।
Stree 2 Box Office Collection Day 43: बीते 15 अगस्त को दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली निर्देशक अमर कौशिक की फिल्म स्त्री 2 (Stree 2) ने ऐतिहासिक कमाई का कीर्तिमान रचा है। दर्शकों के दिलों को आसानी से जीतने वाली इस मूवी को अब मेकर्स ने रेंट के आधार पर ओटीटी प्लेटफॉर्म (Stree 2 OTT Release) प्राइम वीडियो पर रिलीज कर दिया है।
इसके बावजूद थिएटर्स में स्त्री 2 को देखने के लिए आने वाली ऑडियंस की संख्या में कोई कमी देखने को नहीं मिली है। जिसका अंदाजा आप फिल्म के 43वें दिन के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से आसानी से लगा सकते हैं।
रिलीज के पहले दिन से लेकर अब तक स्त्री 2 अपनी प्रभावशाली कमाई से हर किसी को हैरान किया है। हाल ही में 600 करोड़ के क्लब में एंट्री लेने वाली राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की इस मूवी ने रिलीज के 43वें दिन भी बढ़िया कारोबार कर के दिखाया है। सैकनिल्क की रिपोर्ट के अनुसार छठे गुरुवार इस फिल्म की कमाई करीब 1 करोड़ रही है, जो इतना समय बीतने के बाद भी असरदार साबित हो रही है।

कार्तिक आर्यन की ‘भूल भुलैया 3’: दिवाली 2024 पर धमाल मचाने के लिए तैयार!

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कार्तिक आर्यन की ‘भूल भुलैया 3’ दिवाली 2024 पर सिनेमाघरों में धमाल मचाने के लिए पूरी तरह तैयार है, और इस फिल्म को लेकर फैंस के बीच भारी उत्साह है। पिछली फिल्म की अपार सफलता के बाद, दर्शकों को एक बार फिर हॉरर और कॉमेडी का शानदार मिश्रण देखने को मिलेगा।

इस बार रूह बाबा के किरदार में कार्तिक आर्यन का सामना और भी भयानक रूप में लौटने वाली मंजुलिका से होगा। फिल्म के पहले लुक पोस्टर ने ही दर्शकों को उत्साहित कर दिया है, जिसमें रूह बाबा एक हवेली के बाहर मशाल लिए खड़े हैं, और उनके सामने मंजुलिका अपने खौफनाक रूप में हवा में झूल रही है। इस फिल्म में मंजुलिका को कई पिशाचिनियों के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा, जो फिल्म में एक नया ट्विस्ट लाएगा।

फिल्म की स्टारकास्ट भी बेहद दमदार है। विद्या बालन मंजुलिका के रूप में वापसी कर रही हैं, और तृप्ति डिमरी, माधुरी दीक्षित, तथा राजपाल यादव जैसे बेहतरीन कलाकार भी इसमें नजर आएंगे। फिल्म का निर्देशन अनीस बज्मी कर रहे हैं, जो डर और कॉमेडी का बेहतरीन मिश्रण पेश करने के लिए जाने जाते हैं।

फैंस का उत्साह इस घोषणा के साथ और बढ़ गया है कि फिल्म 1 नवंबर 2024 को रिलीज होगी। इस दिवाली, ‘भूल भुलैया 3’ फैंस के लिए डर, हंसी और रोमांच का एक शानदार पैकेज साबित होने वाली है।

सुप्रीम कोर्ट से गुजरात सरकार को बड़ा झटका, बिल्किस मामले में दोषियों की रिहाई से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश में की गई टिप्पणियों को हटाने से इंकार किया

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सुप्रीम कोर्ट से गुजरात सरकार को बड़ा झटका, बिल्किस मामले में दोषियों की रिहाई से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश में की गई टिप्पणियों को हटाने से इंकार कियाIMG 20240926 WA0006

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार की पुनर्विचार याचिका को खारिज किया

दरअसल गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो बलात्कार मामले में 11 दोषियों की समय पूर्व रिहाई को खारिज करने के फैसले में गुजरात सरकार के खिलाफ कुछ टिप्पणियों को अनुचित बताते हुए उसे हटाने का अनुरोध किया था

गुजरात सरकार की याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कठोर टिप्पणी करते हुए ये कह दिया था कि गुजरात ने ‘मिलीभगत से काम किया और दोषियों के साथ साठगांठ की.

याचिका में ये भी कहा गया की कोर्ट की ये टिप्पणी न केवल अनुचित है और मामले के रिकॉर्ड के खिलाफ है, बल्कि याचिकाकर्ता-गुजरात सरकार के खिलाफ पूर्वाग्रह से ग्रसित है

*इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक सदस्य यासीन भटकल को पाटियाला हॉउस कोर्ट वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मां से मुलाकात की इजाजत दी।*

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*इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक सदस्य यासीन भटकल को पाटियाला हॉउस कोर्ट वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मां से मुलाकात की इजाजत दी।*IMG 20240926 WA0005

 

*पाटियाला हॉउस कोर्ट ने यासीन भटकल को अपनी मां से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए एक बार बात करने की इजाज़त दिया*

 

*कोर्ट ने यासीन भटकल को निर्देश दिया कि वह VC पर अपनी मां से हिंदी में बात करेगा*

 

कोर्ट ने जेल ऑथरिटी को यासीन भटकल और उसकी मां की बातचीत की रिकॉर्डिंग करने की छूट दिया

 

यासीन भटकल ने अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए एक दिन की पैरोल की भी मांग किया था , लेकिन कोर्ट ने वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग से ही मुलाकात की इजाजत दी है।

 

*दिल्ली पुलिस ने यासीन भटकल की कस्टडी परोल वाली याचिका का विरोध किया था और याचिका खारिज करने की मांग किया था*

 

*दिल्ली पुलिस ने कहा था की अगर यासीन भटकल को पैरोल दी जाती है तो भागने की कोशिश कर सकता है*

भारत की राष्ट्रपति कल सियाचिन बेस कैंप का दौरा करेंगी (President of India to visit Siachen Base Camp Tomorrow)

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IMG 20240925 WA0004भारत की राष्ट्रपति कल सियाचिन बेस कैंप का दौरा करेंगी (President of India to visit Siachen Base Camp Tomorrow)

 

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू कल (26 सितंबर, 2024) सियाचिन बेस कैंप का दौरा करेंगी और वहां तैनात सैनिकों के साथ बातचीत करेंगी

https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=2058558&reg=3&lang=1