9 महीने 9 दिन गर्भ में बच्चा क्यों रहता है..क्या है बच्चे को महान बनाने का वैज्ञानिक उपाय..?? अंत तक जरुर पढ़े
=
लोग ज्योतिष पर बहुत कम विश्वास करते है क्योकि ज्योतिषियों ने ही ज्योतिष का विना श किया है उनके अधूरे ज्ञान के कारण ऐसा हुआ है। गर्भ मे बच्चा 9 महीने और 9 दिन ही क्यो रहता है। इसका एक वैज्ञानिक आधार है हमारे ब्रह्मांड के 9 ग्रह अपनी अपनी किरणों से गर्भ मे पल रहे बच्चे को विकसित करते हैं। हर ग्रह अपने स्वभाव के अनुरूप बच्चे के शरीर के भागों को विकसित करता है।अगर कोई ग्रह गर्भ मे पल रहे बच्चे के समय कमजोर है तो उपाय से उसको ठीक किया जा सकता है।
1. गर्भ से 1 महीने तक शुक्र का प्रभाव रहता है अगर गर्भावस्था के समय शुक्र कमजोर है तो शुक्र को मजबूत करना चाहिए। अगर शुक्र मजबूत होगा तो बच्चा बहुत सुंदर होगा । और उस समय स्त्री को चटपटी चीजे खानी चाहिए शुक्र का दान न करे अगर दान किया तो शुक्र कमजोर हो जाएगा।कुछ ज्योतिषी अधूरे ज्ञान के कारण शुक्र का दान करा देते है। दान सिर्फ उसी ग्रह का करे जो पा पी और क्रू र हो और उसके कारण गर्भपात का खतरा हो।
2. दूसरे महीने मंगल का प्रभाव रहता है। मीठा खा कर मंगल को मजबूत करे तथा लाल वस्त्र ज्यादा धारण करें।
3. तीसरे महीने गुरु का प्रभाव रहता है। दूध और मीठे से बनी मिठाई या पकवान का सेवन करे तथा पीले वस्त्र ज्यादा धारण करें।
4. चौथे महीने सूर्य का प्रभाव रहता है। रसों का सेवन करे तथा महरून वस्त्र ज्यादा धारण करें।
5. पांचवे महीने चंद्र का प्रभाव रहता है। दूध और दही तथा चावल तथा सफ़ेद चीजों का सेवन करे तथा सफ़ेद ज्यादा वस्त्र धारण करें।
6. छटे महीने शनि का प्रभाव रहता है। कसैली चीजों केल्शियम और रसों के सेवन करे तथा आसमानी वस्त्र ज्यादा धारण करें।
7. सातवे महीने बुध का प्रभाव रहता है जूस और फलों का खूब सेवन करे तथा हरे रंग के वस्त्र ज्यादा धारण करें।
8. आठवे महीने फिर चंद्र का तथा नौवे महीने सूर्य का प्रभाव रहता है। इस दौरान अगर कोई ग्रह नीच राशि गत भ्रमण कर रहा है तो उसका पूरे महीने यज्ञ करन चाहिए। जितना गर्भ ग्रहों की किरणों से तपेगा उतना ही बच्चा महान और मेधावी होगा जैसी एक मुर्गी अपने अंडे को ज्यादा हीट देती है तो उसका बच्चा मजबूत पैदा होता है।
अगर हीट कम देगी तो उसका चूजा बहुत कमजोर होगा। उसी प्रकार माँ का गर्भ ग्रहों की किरणों से जितना तपेगा बच्चा उतना ही मजबूत होगा। जैसे गांधारी की आँ खों की किरणों के तेज़ से दुर्योधन का शरीर वज्र का हो गया था।
Karan Arjun Re-Release Trailer: 30 साल बाद फिर आयेगा ‘करण अर्जुन’ का नया ट्रेलर, एक्साइटेड फैंस ने कहा ‘मास्टरपीस’
Karan Arjun Re-Release Trailer: सलमान खान और शाहरुख खान की साल 1995 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘करण अर्जुन’ एक बार फिर सिनेमाघरों में दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए तैयार है. फिल्म के निर्देशक राकेश रोशन ने इसके ट्रेलर पर एक बड़ी अपडेट साझा की है. आइए बताते हैं कब आएगा इस आईकॉनिक फिल्म का ट्रेलर.
Karan Arjun Re-Release Trailer: राकेश रोशन की साल 1995 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘करण अर्जुन’ एक बार फिर सिनेमाघर में दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए तैयार है. एक्शन और इमोशन से भरपूर यह फिल्म 22 नवंबर, 2024 को दुनियाभर के सिनेमाघरों में दस्तक देगी. ऐसे में अब फिल्म के रिलीज से पहले इसके ट्रेलर पर एक बड़ा अपडेट आया है, जिसे जानने के बाद आप काफी एक्साइटेड हो जाएंगे.
कब आएगा करण अर्जुन का ट्रेलर?
‘करण अर्जुन’ के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर राकेश रोशन ने अपने सोशल मीडिया इंस्टाग्राम हैंडल पर फिल्म का एक रेट्रो पोस्टर शेयर करते हुए फिल्म के ट्रेलर की जानकारी साझा की है. उन्होंने इसके साथ ही अपनी उत्सुकता जताते हुए नीचे कैप्शन लिखा, ’30 साल बाद आ रहे हैं वापस. कल आएगा करण अर्जुन का ट्रेलर. फिल्म 22 नवंबर 2024 को दुनिया भर के सिनेमाघरों में फिर से रिलीज होगी.’ बता दें कि फिल्म का ट्रेलर कल यानी 13 नवंबर को रिलीज होगा. फिल्म के ट्रेलर की खबर जानने के बाद फैंस की खुशी अब सातवें आसमान पर है. साथ ही वह अपनी प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा ‘मास्टरपीस’. वहीं, दूसरे ने लिखा, ‘मेरे करण अर्जुन आ गए.’
करण अर्जुन की कहानी
शाहरुख खान और सलमान खान की करण अर्जुन की कहानी पुनर्जन्म और बदले के इर्द गिर्द घूमती है, जिसमें परिवार के आपसी झगड़े की वजह से दो भाइयों की मौत हो जाती है. इसके बाद उनकी मां माता काली से अपने बच्चों के वापस आने के लिए प्रार्थना करती है. और 17 साल बाद मां काली उसकी प्रार्थना को स्वीकार कर लेती हैं और उसके दोनों बच्चे करण अर्जुन न्याय के लिए फिर एक साथ आते हैं.
करण अर्जुन की स्टार कास्ट
करण अर्जुन में सलमान खान और शाहरुख खान लीड रोल में हैं. इनके अलावा फिल्म में काजोल, राखी, ममता कुलकर्णी और अमरीश पुरी जैसी शानदार स्टार कास्ट देखने को मिली है. साल 1995 की इस फिल्म का निर्देशन राकेश रोशन ने किया है, जिसपर दर्शकों ने खूब प्यार लुटाया था. साथ ही इस फिल्म का 76 हफ्तों तक सिनेमाघरों में दमदार प्रदर्शन रहा.
शाहरुख खान। हाल ही में, बाजीगर के निर्माता रतन जैन ने पुष्टि की कि वह बाजीगर के सीक्वल के लिए किंग खान के साथ बातचीत कर रहे हैं। निर्माताओं ने अभी तक पटकथा की घोषणा नहीं की है।
बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में सबसे पसंदीदा अभिनेताओं में से एक हैं। उन्होंने अपने अभिनय और अनूठी शैली के कारण एक अमिट छाप छोड़ी है। अभिनेता ने अपने करियर में एक से अधिक प्रतिष्ठित फिल्में दी हैं, जिनके लाखों प्रशंसक हैं। इनमें से एक फिल्म ‘बाजीगर’ है। बाजीगर के संवाद और गीत आज भी लोगों के होंठों पर हैं। अब फैंस के लिए एक अच्छी खबर है। फिल्म का सीक्वल जल्द ही सामने आएगा। निर्माता ने इसकी पुष्टि की है।
हाल ही में, बाजीगर के निर्माता रतन जैन ने पुष्टि की कि वह बाजीगर के सीक्वल के लिए किंग खान के साथ बातचीत कर रहे हैं। निर्माताओं ने अभी तक पटकथा की घोषणा नहीं की है। केवल सीक्वल बनाने का विचार साझा किया गया है। इस फिल्म में शाहरुख खान कैमियो रोल में नजर आएंगे।
निर्माता ने कहा कि वह इस फिल्म के लिए एक अच्छी पटकथा लेकर आएंगे ताकि मूल बाजीगर फिल्म के साथ कोई अन्याय न हो और प्रशंसकों को इसका सीक्वल भी पसंद आए। रतन जैन ने यह भी खुलासा किया कि पटकथा के साथ-साथ अगली कड़ी को भी नए निर्देशन की आवश्यकता होगी।
बाजीगर के सीक्वल के बारे में बात करते हुए, निर्माता रतन जैन ने ईटाइम्स को बताया, “हमने बाजीगर 2 के लिए शाहरुख से बात की है। हम अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन यह होगा। निर्माता का यह बयान सुनकर दर्शकों में खुशी की लहर दौड़ जाती है। फैन्स शाहरुख खान की इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
फिल्म बाजीगर वर्ष 1993 में प्रदर्शित हुई थी। इस फिल्म का निर्देशन अब्बास-मस्तान ने किया था। शुरुआत में यह फिल्म अनिल कपूर को ऑफर की गई थी। हालाँकि, अभिनेता ने तारीखों और शेड्यूलिंग के मुद्दों के कारण इसे ठुकरा दिया, उस समय अनिल कपूर रूप की रानी चोरों का राजा कर रहे थे। फिल्म की पेशकश सलमान खान को की गई थी, लेकिन उनके पिता सलीम खान को पटकथा पसंद नहीं आई और फिल्म की पेशकश आखिरकार शाहरुख खान को की गई।
फिल्म कंगुवा 14 नवंबर को रिलीज़ होने जा रही है कंगुवा इंडियन सिनेमा की वो चौथी फिल्म होगी जिसे इतने बड़े लेवल पर रिलीज़ किया जाएगा मेकर्स ने फिल्म में खूब पैसा लगाया है कंगुवा के को प्रोड्यूसर जी धनंजयन ने बताया कि इस फिल्म को दुनिया भर के करीब 10 हज़ार स्क्रीन्स पर उतारा जाएगा धनंजयन ने आगे बताया कि कंगुवा से पहले सिर्फ तीन हिंदी फिल्में ही ऐसी थी जिन्हें 10 हज़ार थिएटर्स में उतारा गया था कंगुवा की कास्ट पर आते हैं सूर्या का इस बार डबल रोल होने वाला है वह कंगुवा के साथ साथ फ्रैंसिक के किरदार को निभाएंगे वहीं दिशा पाटनी एंजेलिया तो खलनायक के रूप में बॉबी देओल दिखेंगे उधिरन के किरदार में बॉबी देओल काफी अट्रैक्टिव लग रहे हैं योगी बाबू नटराजन कोवई सरला अनंदराज दीपा वेंकट से लेकर प्रेम कुमार समेत कई कलाकार हैं कंगुवा इस साल की महंगी फिल्मों में से एक बताई जा रही है जिसका बजट 350 करोड़ से ज्यादा है फिल्म को इंडिया के अलावा7 अलग अलग देशों में शूट किया गया है मेकर्स ने टेक्निकल डिपार्टमेंट जैसे एक्शन और सिनेमेटोग्राफी के लिए हॉलीवुड एक्सपर्ट्स को हायर किया इतना ही नहीं फिल्म में कुल 10 हजार लोगों से ज्यादा के साथ शूट किया गया सबसे बड़ा वॉर सीक्वेंस भी है
भारत का राष्ट्रपति भवन
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के राष्ट्रपति का घर, राष्ट्रपति भवन, भारतीय लोकतंत्र और इसकी धर्मनिरपेक्ष, बहुवचन और समावेशी परंपराओं का प्रतीक है। इसे सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था और यह 330 एकड़ की संपत्ति पर स्थित है। इस राष्ट्रपति महल के निर्माण में सत्रह साल लगे जो वर्ष 1929 में पूरा हुआ था। इस वास्तुशिल्प चमत्कार के निर्माण में लगभग सात सौ मिलियन ईंटों और तीन मिलियन क्यूबिक फीट पत्थर का उपयोग किया गया था जिसमें 2.5 किलोमीटर गलियारे और 190 एकड़ उद्यान क्षेत्र है। मुख्य भवन 5 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें चार मंजिलों पर फैले 340 कमरे हैं। राष्ट्रपति भवन के प्रसिद्ध मुगल उद्यान 15 एकड़ के क्षेत्र में फैले हुए हैं और इसमें गुलाब की 159 प्रसिद्ध किस्में, बोगनविलिया की 60 किस्में और फूलों की कई अन्य किस्में हैं। एस्टेट में एक अत्याधुनिक राष्ट्रपति भवन संग्रहालय परिसर (आरबीएमसी) भी है जिसमें क्लॉक टॉवर, अस्तबल और गैरेज शामिल हैं जो अतीत के साथ-साथ वर्तमान प्रेसीडेंसी, शाही समारोहों और राष्ट्रपति भवन की समृद्ध वनस्पतियों और जीवों को प्रदर्शित करते हैं। आरबीएमसी का उद्घाटन 25 जुलाई, 2016 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था।
आम जनता की सुविधा के लिए, दिल्ली पर्यटन ने हो-हो बसों की सुविधा राष्ट्रपति भवन तक बढ़ा दी है।
“राष्ट्रपति भवन जाने के इच्छुक पर्यटकों के लिए, पूर्व ऑनलाइन बुकिंग की जा सकती है।”
और जानें
12 दिसंबर को 1911 का दिल्ली दरबार किंग जॉर्ज पंचम के राज्याभिषेक के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। दरबार में सबसे महत्त्वपूर्ण घोषणा जिसे लगभग एक लाख लोगों ने सुना, ब्रिटिश भारत की राजधानी कलकत्ता से बदलकर दिल्ली करना था। कलकत्ता को वाणिज्य केंद्र के रूप में जाना जाता था जबकि दूसरी ओर, दिल्ली शक्ति और शान का प्रतीक थी। घोषणा के पश्चात, शाही आवास की खोज अत्यावश्यक हो गई थी। उत्तर का किंग्जवे कैंप पहली पसंद थी। एक ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुट्येन्स को भारत की नई राजधानी की योजना बनाने के लिए चुना गया और वह दिल्ली नगर योजना समिति का भाग थे जिसका कार्य स्थल और उसके नक्शे का निर्माण करना था। सर लुट्येंस और उनके सहयोगी, जो स्वच्छता विशेषज्ञ थे, को उत्तरी क्षेत्र यमुना नदी के समीप होने के कारण बाढ़ के प्रति अधिक संवेदनशील लगा। इस प्रकार, दक्षिणी ओर की रायसीना पहाड़ी, जहां खुलादार और ऊंचा स्थान और बेहतर जल निकासी थी, वायसराय हाऊस के लिए उपयुक्त स्थान प्रतीत हुआ।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति आर. वेंकटरमन ने सही कहा है, ‘‘इस पहाड़ी पर प्रासाद दृश्यावली का मुकुट लगती है। मीलों दूर से दिखने वाला यह प्रासाद क्षितिज पर एक ऐसे स्मारक की भांति स्थित है जो बिलकुल अलग प्रतीत होता है। यह इमारतों में एक कंचनजंघा है जिसे दिल्ली की गर्मी की धूल भरी धुंधलाहट तथा इसकी सर्दियों का कोहरा ढक देता है, अनावृत्त कर देता है और पुनः ढक देता है। एक आकर्षक ढांचा जो निकट भी और दूर भी लगता है, यह एकदम नजदीक प्रतीत होता है परंतु आवरण के पीछे छिप जाता है।’’
चुने गए स्थान की चट्टानी पहाडि़यों को विस्फोट से तोड़ा गया तथा वायसराय के आवास और अन्य कार्यालयी भवनों के निर्माण के लिए भूमि समतल की गई। इस स्थान पर शिलाओं ने मजबूत नींव के रूप में अतिरिक्त फायदा पहुंचाया। निर्माण सामग्री के लाने ले जाने के लिए इमारतों के चारों ओर विशेष तौर पर एक रेलवे लाइन बिछाई गई। चूंकि नगर की योजना नदी से दूर बनाई गई थी और दक्षिण में कोई नदी नहीं बहती थी इसलिए पानी की सभी जरूरतों के लिए जमीन के भीतर से पम्प द्वारा पानी निकाला गया।
इस क्षेत्र की अधिकतर भूमि जयपुर के महाराजा की थी। राष्ट्रपति भवन के अग्रप्रांगण में खड़ा जयपुर स्तंभ दिल्ली को नई राजधानी बनाने की स्मृति में जयपुर के महाराजा, सवाई माधो सिंह ने उपहार में दिया था।
राष्ट्रपति भवन के निर्माण में सत्रह वर्ष से अधिक समय लगा। लॉर्ड हॉर्डिंग, तत्कालीन गवर्नर जनरल तथा वायसराय जिनके शासन काल में निर्माण कार्य आरंभ हुआ था, चाहते थे कि इमारत चार वर्ष में पूरी हो जाए। परंतु 1928 के शुरू में भी इमारत को अंतिम रूप देना असंभव था। तब तक प्रमुख बाहरी गुंबद बनना शुरू भी नहीं हुआ था। यह विलंब मुख्य रूप से प्रथम विश्व युद्ध के कारण हुआ था। अंतिम शिलान्यास भारत के वायसराय और गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने किया और वह 6 अप्रैल, 1929 को नवनिर्मित वायसराय हाऊस के प्रथम आवासी बने। मुख्य भवन का निर्माण हारून-अल-रशीद ने किया जबकि अग्रप्रांगण को सुजान सिंह और उनके पुत्र शोभा सिंह ने बनाया। ऐसा अनुमान है कि इस महलनुमा इमारत के निर्माण में सात सौ मिलियन ईंटें और तीन मिलियन क्यूबिक फुट पत्थर लगा और तकरीबन तेईस हजार श्रमिकों ने काम किया। वायसराय हाऊस के निर्माण की अनुमानित लागत 14 मिलियन रुपए आई
आखिरी पत्थर भारत के वाइसराय और गवर्नर-जनरल लॉर्ड इरविन, और 6 अप्रैल, 1 9 2 9 को नवनिर्मित वाइसराय हाउस के पहले अधिवासर द्वारा रखे गए थे। मुख्य भवन हरान-अल-रशीद ने बनाया था, जबकि फोरकोर्ट द्वारा किया गया था सुजन सिंह और उनके पुत्र सोभा सिंह यह अनुमान लगाया गया है कि सात सौ मिलियन ईंट और तीन लाख क्यूबिक फीट पत्थर इस विशाल संरचना के निर्माण के लिए चले गए थे जिसमें करीब 21 हजार मजदूर काम कर रहे थे। वाइसराय हाउस के निर्माण की अनुमानित लागत रू। 14 मिलियन
सर एडविन लुट्येंस की संकल्पना एक ऐसे भवन का निर्माण करने की थी जो आने वाली शताब्दियों तक खड़ा रहे। उनका मानना था, ‘‘वास्तुशिल्प अन्य किसी कला से कहीं अधिक प्राधिकारी की बौद्धिक प्रगति को प्रस्तुत करता है।’’ लुट्येंस इस भवन के वास्तुशिल्प और अभिकल्पना के बारे में बहुत संजीदा थे तथा प्राचीन यूरोपीय शैली को पसंद करते थे। एच आकार का भवन एक भव्य शैली में विस्तृत भौगोलिक भिन्नताओं को दर्शाता है।
इसके बावजूद, इस वास्तुशिल्पीय डिजायन में भारतीय वास्तुशिल्प की अनेक विशेषताएं समाहित की गई हैं। उदाहरण के रूप में, गुंबद सांची के स्तूप से प्रेरित था; छज्जे, छतरी और जाली तथा हाथी, कोबरा, मंदिर के घण्टे आदि जैसे नमूनों पर भारतीय छाप है। इस परियोजना में उनके सहयोगी हरबर्ट बेकर थे जिन्होंने नॉर्थ ब्लॉक और साऊथ ब्लॉक का निर्माण किया था। लुट्येंस और बेकर ने दिल्ली के बहुत सारे डिजायन बनाए जिनमें से अधिकांश को राष्ट्रपति भवन संग्रहालय में संरक्षित और प्रदर्शित किया गया है।
नई दिल्ली के केंद्र में 42 मीटर ऊंचा इंडिया गेट है, जो एक चौराहा के बीच में “आर्क-डी-ट्रायम्फ” जैसा मेहराब है। अपने फ्रांसीसी समकक्ष के लगभग समान, यह उन 70,000 भारतीय सैनिकों की याद दिलाता है जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना के लिए लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी थी। इस स्मारक पर 1919 के अफगान युद्ध में उत्तर-पश्चिमी सीमा पर मारे गए 13,516 से अधिक ब्रिटिश और भारतीय सैनिकों के नाम हैं।
इंडिया गेट की आधारशिला 1921 में कनॉट के ड्यूक, हिज रॉयल हाइनेस द्वारा रखी गई थी और इसे एडविन लुटियंस द्वारा डिजाइन किया गया था। यह स्मारक 10 साल बाद तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया था। एक अन्य स्मारक, अमर जवान ज्योति को भारत की स्वतंत्रता के बाद बहुत बाद में जोड़ा गया था। दिसंबर 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की याद दिलाने के लिए मेहराब के नीचे शाश्वत लौ दिन-रात जलती है।
पूरा मेहराब लाल भरतपुर पत्थर के निचले आधार पर खड़ा है और चरणों में एक विशाल मोल्डिंग तक बढ़ता है। कॉर्निस पर शाही सूर्य अंकित हैं जबकि मेहराब के दोनों किनारों पर भारत अंकित है, जो एमसीएमएक्सआईवी (1914 बाएं) और एमसीएमएक्सआईएक्स तिथियों से घिरा हुआ है। (1919 right). शीर्ष पर उथले गुंबद वाले कटोरे को वर्षगांठ पर जलते तेल से भरने का इरादा था लेकिन ऐसा शायद ही कभी किया जाता है।
रात के समय, इंडिया गेट नाटकीय रूप से फ्लडलाइट होता है जबकि आस-पास के फव्वारे रंगीन रोशनी के साथ एक सुंदर प्रदर्शन करते हैं। इंडिया गेट राजपथ के एक छोर पर स्थित है और इसके आसपास के क्षेत्र को आम तौर पर ‘इंडिया गेट’ के रूप में जाना जाता है।
भव्य संरचना के चारों ओर हरे-भरे लॉन का एक बड़ा विस्तार है, जो एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है। गर्मियों की शामों में उज्ज्वल रोशनी वाले क्षेत्र और लॉन पर लोगों के झुंड घूमते हुए देखे जा सकते हैं।
नई दिल्ली में स्वामीनारायण अक्षरधाम अपनी सभी लुभावनी भव्यता, सुंदरता, ज्ञान और आनंद में भारतीय संस्कृति के 10,000 वर्षों का प्रतीक है। यह भारत की प्राचीन वास्तुकला, परंपराओं और कालातीत आध्यात्मिक संदेशों के सार को शानदार ढंग से प्रदर्शित करता है। अक्षरधाम अनुभव मानव जाति की प्रगति, खुशी और सद्भाव के लिए भारत की गौरवशाली कला, मूल्यों और योगदान के माध्यम से एक ज्ञानवर्धक यात्रा है।
बोचासणवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के एच. डी. एच. प्रमुख स्वामी महाराज के आशीर्वाद और 11,000 कारीगरों और हजारों बीएपीएस स्वयंसेवकों के विशाल भक्ति प्रयासों के माध्यम से स्वामीनारायण अक्षरधाम परिसर का निर्माण केवल पांच वर्षों में किया गया था। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा दुनिया के सबसे बड़े व्यापक हिंदू मंदिर के रूप में घोषित, इस परिसर का उद्घाटन 6 नवंबर, 2005 को किया गया था।
क्या अनुभव करना है
अक्षरधाम मंदिर
भगवान स्वामीनारायण को समर्पित एक पारंपरिक मंदिर जो भारत की प्राचीन कला, संस्कृति और वास्तुकला की सुंदरता और आध्यात्मिकता को दर्शाता है
नीलकंठ वर्णी अभिषेक
एक पवित्र आध्यात्मिक परंपरा जिसमें भारत की 151 पवित्र नदियों, झीलों और तालाबों के पानी के साथ विश्व शांति और अपने, परिवार और दोस्तों के लिए निरंतर शांति के लिए प्रार्थना की जाती है।
प्रदर्शनियाँ
हॉल 1-हॉल ऑफ वैल्यूज (50 mins)
फिल्मों और रोबोटिक शो के माध्यम से स्थायी मानवीय मूल्यों का अनुभव करें जो अहिंसा, ईमानदारी, पारिवारिक सद्भाव और आध्यात्मिकता के आदर्शों को दर्शाते हैं।
हॉल 2-विशाल स्क्रीन फिल्म (40 mins)
नीलकंठ नामक एक ग्यारह वर्षीय योगी की अविश्वसनीय कहानी के माध्यम से भारत की खोज करें जो भारत के रीति-रिवाजों की संस्कृति और आध्यात्मिकता, इसकी कला और वास्तुकला की महिमा और इसके विस्मयकारी त्योहारों के अविस्मरणीय दृश्यों, ध्वनियों और शक्ति को जीवंत करता है।
हॉल 3-सांस्कृतिक नौका यात्रा (15 mins)
भारत की 10,000 वर्षों की गौरवशाली विरासत से गुजरें। भारत के ऋषि-वैज्ञानिकों की खोजों और आविष्कारों के बारे में जानें, दुनिया का पहला तक्षशिला विश्वविद्यालय देखें, अजंता-एलोरा की गुफाओं से गुजरें और सदियों से मानवता के लिए भारत के योगदान की खोज करें।
अक्षरधाम मंदिर संगीतमय फव्वारा-जीवन चक्र (Evenings at Sunset – 15 min.)
एक शानदार संगीतमय फव्वारा शो जो भारतीय दर्शन में वर्णित जन्म, जीवन और मृत्यु के चक्र को दर्शाता है।
गार्डन ऑफ इंडिया
साठ एकड़ के हरे-भरे लॉन, बगीचे और उत्कृष्ट कांस्य मूर्तियां, भारत के बाल नायकों, बहादुर योद्धाओं, राष्ट्रीय देशभक्तों और महान महिला हस्तियों को सम्मानित करती हैं जो मूल्यों और चरित्र को प्रेरित करती हैं।
कमल उद्यान
पूरे इतिहास में दार्शनिकों, वैज्ञानिकों और नेताओं द्वारा व्यक्त की गई आध्यात्मिकता को प्रतिध्वनित करने वाला कमल के आकार का उद्यान
पता -स्थान संख्या 24, अक्षरधाम सेतु, नई दिल्ली, भारत-110092
संपर्कः टीः (011) 2201.6688,2202.6688। एफः (011) 2201.5757। ईः info@akshardham.com। www. akshardham.com
निकटतम मेट्रो स्टेशनः अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन (पैदल-200 मीटर/7 मिनट)
अक्षरधाम मंदिर बंदः सोमवार
परिसर में प्रवेश-निःशुल्क। कोई टिकट नहीं
प्रवेश समयः सुबह 9:30 बजे
अंतिम प्रवेशः शाम 6:30 बजे
प्रदर्शनियांः 10:00 AM-5:30 PM
प्रवेश
परिसर प्रवेशः निःशुल्क। कोई टिकट मंदिर और उद्यान निःशुल्क। कोई टिकट प्रदर्शनी और संगीतमय फव्वारा शुल्क नहीं। टिकट अभिषेक दर्शनः निःशुल्क। कोई टिकट अभिषेक पूजा नहींः शुल्क। टिकट
टिकट शुल्क
केवल प्रदर्शनी
वयस्क (12 वर्ष और ऊपर)एक लाख रु. 170 का आंकड़ा
वरिष्ठ नागरिक (65 वर्ष और उससे अधिक)एक लाख रु. 125
बच्चे (4 से 11 वर्ष)एक लाख रु. 100
बच्चे (4 वर्ष से कम)मुफ़्त।
केवल म्यूजिकल फाउंटेनः
वयस्क (12 वर्ष और ऊपर)एक लाख रु. 30 वरिष्ठ नागरिक (65 वर्ष और उससे अधिक)एक लाख रु. 30 बच्चे (4 से 11 वर्ष)एक लाख रु. 2 बच्चे (4 वर्ष से कम)मुफ़्त।
सुविधाएंः
पार्किंगः प्रति वाहन की दरें
क्लोकरूमः मालिक के जोखिम पर जमा करें (No Fee)
फोटो बूथः मुद्रित फोटोग्राफ यादें (Fee)
व्हीलचेयरः रिफंडेबल डिपॉजिट-रु। 100
फूड कोर्टः भोजन, स्नैक्स और पेय पदार्थ (100% शाकाहारी)
पुस्तकें और उपहार केंद्रः प्रकाशन, स्मृति चिन्ह और उपहार वस्तुएं
ड्रेस कोडः
सम्मानीय-कंधे और घुटनों को ढंकना चाहिए
रैप प्रदान किए गए-रिफंडेबल डिपॉजिट रु। 100
सुरक्षा और सुरक्षाः * क्लोकरूम सुविधाएं उपलब्ध हैं (In Parking lot)
अनुमति नहींः
सभी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ (Mobiles, Camera, Pen Drives, Hands-Free etc.)
सभी बैग पर्स (कंधे का पट्टा/लटकाना)
भोजन और पेय
खिलौने
तंबाकू और शराब उत्पाद
सभी व्यक्तिगत संपत्तियाँ
अनुमतिः शूज़ बेल्ट वॉलेट लेडीज़ पर्स (हाथ से पकड़े जाने वाले) ज्वैलरी पासपोर्ट शिशु शिशु भोजन
सख्त मना किया गयाः
धूम्रपान, शराब और ड्रग्स
तंबाकू से संबंधित उत्पाद
अभद्र व्यवहार और भाषा पालतू जानवर
अस्वीकरणः
प्रबंधन बिना किसी पूर्व सूचना के प्रवेश और कार्यक्रम में किसी भी बदलाव का अधिकार सुरक्षित रखता है।
कृपया सुरक्षा में सहयोग करें
रूस में घटती आबादी को लेकर राष्ट्रपति Vladimir Putin काफी चिंतित हैं। इस परेशानी से पार पाने के लिए पुतिन नई-नई तरकीब सोच रहे हैं । देश में आबादी बढ़ाने के लिए कई तरह की नीतियों पर काम किया जा रहा है । नौबत यहां तक आ गई है घटती जन्मदर से निपटने के लिए रूस सरकार एक अलग से मंत्रालय बनाने पर विचार कर रही है । मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक रूस की घटती जन्मदर से निजात पाने के लिए पुतिन Sex Ministry का गठबंध करने पर विचार कर रहे हैं ।
Russia Considers Ministry of Sex: दुनियाभर के कई देश घटती हुई जनसंख्या से परेशान हैं. इसी कड़ी में रूस की गिरती जन्म दर से निपटने के लिए रूस सरकार एक अलग मंत्रालय बनाने पर विचार कर रहा है. मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस देश में घटती जनसंख्या से निपटने के लिए ‘सेक्स मंत्रालय’ बनाने पर विचार कर रहा है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की वफ़ादार और रूसी संसद, फैमिली प्रोटेक्शन, पाटर्निटी, मैटरनिटी, चाइल्डहुड कमेटी की अध्यक्ष 68 साल के नीना ओस्तानिना ऐसे मंत्रालय की मांग करने वाली याचिका की समीक्षा कर रही हैं.
यह इनिशिएटिव ऐसे समय में ली गई है जब रूसी अधिकारी देश की पापुलेशन में गिरावट को रोकने के पुतिन के आह्वान के लिए कई पॉलिसी बना रहे हैं, जो यूक्रेन में युद्ध के कारण और भी बदतर हो गई है. करीब तीन साल से चल रहे इस युद्ध में रूस और यूक्रेन को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. मॉस्कविच पत्रिका के रिपोर्ट के अनुसार, ग्लेवपीआर एजेंसी के एक याचिका ने सेक्स मंत्रालय बनाने के लिए विचार किया है, जो घटती जन्म दर को लेकर किए जा रहे पहलों का लीड करेगा.
पुतिन की एक जानी-मानी समर्थक डिप्टी मेयरअनास्तासिया राकोवा ने रूस के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तत्काल ब्रीडिंग पर जोर दिया. राकोवा ने मिरर से कहा, “शहर में हर कोई जानता है कि एक स्पेशल टेस्ट है जो हमें एक महिला के प्रजनन स्तर, गर्भवती होने की उसकी क्षमता का पता लगाने में मदद करता है,” उन्होंने महिलाओं से बच्चे पैदा करने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया.
प्रस्तावित पहल क्या हैं?
मिरर की रिपोर्ट में प्रजनन बढ़ाने के लिए एक अनोखे प्रस्तावित का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इंटिमेट एक्टिविटीज के लिए रात 10 बजे से सुबह 2 बजे के बीच इंटरनेट और यहां तक कि लाइटें भी बंद करने का सुझाव दिया गया है. बता दें कि व्लादिमीर पुतिन हमेशा दुनिया की लाइमलाइट में बने रहते हैं· हाल ही में इनके एक बयान ने दुनिया में सनसनी मचा दी थी. जिसमें पुतिन ने रूस के लोगों से ऑफिस में लंच और कॉफी ब्रेक के दौरान सेक्स करने की सलाह दी थी.
President Vladimir Putin is quite worried about the declining population in Russia. To overcome this problem, Putin is thinking of new ways. Many types of policies are being worked on to increase the population in the country. The situation has come to such a pass that the Russian government is considering forming a separate ministry to deal with the declining birth rate. According to the Mirror report, Putin is considering forming a Sex Ministry to get rid of Russia’s declining birth rate.
दिल्ली में दो तरह के लोग रहते हैं – एक वो जो चाय पसंद करते हैं और दूसरे वो जो कॉफ़ी पसंद करते हैं। पिछले कुछ सालों में, ख़ास तौर पर महामारी के बाद, दिल्ली में कई नई कॉफ़ी शॉप खुली हैं, जो हर कॉफ़ी प्रेमी को बहुत पसंद आई हैं।
चाहे आपको ठंडा या गरम पेय पसंद हो, दिल्ली के आस-पास के कई कैफ़े कई विकल्प प्रदान करते हैं – एक साधारण कैपुचीनो से लेकर एक फैंसी आइस्ड वियतनामी कॉफ़ी तक। और वे इसके साथ कुछ स्वादिष्ट भोजन भी परोसते हैं। ये कैफ़े ऐसे बेहतरीन विकल्प पेश करते हैं जो न केवल आपकी कैफीन की ज़रूरत को पूरा करते हैं बल्कि आपकी भूख को भी शांत करते हैं। और इस समय हम जिस मौसम का अनुभव कर रहे हैं, उसमें एक कप कॉफी की तलब होती है। कम से कम, मुझे तो होती ही है।
आइए दिल्ली में सबसे अच्छी कॉफ़ी शॉप की सूची देखें, जिसमें नई प्रविष्टियों से लेकर पुरानी स्थापनाएँ शामिल हैं जो समय की कसौटी पर खरी उतरी हैं। ये जगहें आपको निराश नहीं करेंगी, और आप गर्व से Instagram पर अपनी यात्रा का प्रदर्शन कर सकते हैं।
साल 2024 बॉलीवुड फिल्मों में हॉरर कॉमेडी के नाम रहा है हॉरर कॉमेडी और एक्शन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर जमकर गर्दा उड़ाया है साथ ही ओटीटी पर भी दमदार ड्रामा और क्रिएटिव कहानियों से दर्शकों को एंटरटेन किया है अब साल के अंत में भी 4 दमदार सीरीज धमाकेदार एंट्री लेने वाली हैं इन सीरीज में आजादी की चीखों से लेकर आश्रम तक के रहस्य खुलने वाले हैं इनमें से कुछ सीरीज के पहले सीजन में भी दर्शकों का दिमाग हिल गया था अब इन सीरीज के लिए दर्शक भी तैयार दिख रहे हैं फ्रीडम एट मिडनाइट #FreedomatMidnight डायरेक्टर निखिल आडवाणी की सीरीज फ्रीडम एट मिडनाइट एक नोवेल पर बनी है ये सीरीज 15 नवंबर को सोनी लिव पर रिलीज हो रही है इस सीरीज में आजादी के दंश और उसकी चीखों को दिखाया जाएगा #KaalaPaaniS2 मोना सिंह आशुतोष गोवारिकर अमेय वाघ आरुषि शर्मा विकास कुमार और राजेश खट्टर स्टारर सीरीज काला पानी बीते साल अक्तूबर में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी इस सीरीज को लोगों ने काफी पसंद किया था मोना सिंह की एक्टिंग की भी जमकर तारीफ हुई थी अब नेटफ्लिक्स की इस सीरीज का दूसरा सीजन बनकर तैयार है ये काली काली आंखें 2 #YKKA डायरेक्टर सिद्धार्थ सेनगुप्ता की सीरीज ये काली काली आंखें का पहला सीजन हिट रहा था नेटफ्लिक्स की ये सीरीज लोगों को खूब पसंद आई इसके बाद इस सीरीज का दूसरा सीजन भी बनकर तैयार हो गया है इस सीरीज का दूसरा सीजन 22 नवंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज कर दिया जाएगा बॉलीवुड स्टार बॉबी देओल का करियर पलटने वाली सीरीज आश्रम #Aashram के पिछले 3 सीजन सुपरहिट रहे हैं इस सीरीज के तीनों सीजन को लोगों ने खूब प्यार दिया है एमएक्स प्लेयर की ये सीरीज अब चौथे पार्ट के साथ वापसी कर रही है