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AI से लड़े जाएंगे युद्द आदमी की जगह रोबो फोर्स करेगी दुश्मन का खात्मा

AI से लड़े जाएंगे युद्द आदमी की जगह रोबो फोर्स करेगी दुश्मन का खात्मा

https://www.tesla.com/we-robot

एलन मस्क की कंपनी नें AI जनरेटेड रोबोट

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We Robot Carousel Slide 2 Robovan Desktop scaled अविष्कार किया हैं ..जो घर और आफिस के काम
आसानी से कर सकता हैं …
Tesla की तरफ से नई टेक्नोलॉजी लाने पर विचार किया जा रहा है। टेस्ला CEO एलन मस्क की तरफ से कंपनी का नया इनोवेशन लाया गया है। Robovan व्हीकल के अलावा Optimus मानव रोबोट को भी उतारा गया है। टेस्ला के रोबोट को डेली लाइफ के लिए बहुत जरूरी बताया गया है। मस्क ने इस दौरान बताया कि इस रोबोट को अलग-अलग टास्क पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी मदद से पैकेज को कैरी किया जा सकता है।
लेकिन भविष्य की तकनीकी को देखते हुएं एलन मस्क ऐसे रोबोट का अविष्कार करने में लगे हुए
जो कि युद्द लड़ेगे …एनल मस्क की रोबो फोर्स एक तरह से आईरन मैन फिल्म के आईरन मैन
की तरह होगी ..आईरन मैन सीरीज की फिल्मे हर किसी नें देखी हैं ..अब इसी किरदार को ध्यान में रखकर रोबो तैयार किएं जा रहे हैं

2008 में मार्वल की फिल्म आयरन मैन रिलीज़ हुई. इस फिल्म ने दुनियाभर में तहलका मचा दिया. लड़के-लड़कियां आयरन मैन के दीवाने हो गए. फिल्म का मु्ख्य किरदार है टोनी स्टार्क. एक उद्योगपति, जो साथ ही साथ जीनियस भी है. कमाल का आविष्कारक है. रॉबर्ट डाउनी जूनियर इस किरदार में ढलने के लिए एक आदमी के पास गए थे.
ये आदमी अंतरिक्ष में रॉकेट भेजने वाली ज़बरदस्त कंपनी चलाता है. इसकी एक और कंपनी सबसे शानदार इलेक्ट्रिक कार बनाती है. ये आदमी बड़े शहरों के नीचे कई सुरंग बना रहा है. ये आदमी इंसानी दिमाग को मशीन से जोड़ने वाली टेक्नोलॉजी तैयार कर रहा है.
ये आदमी बड़े-बड़े सपने देखता है. उन्हें पूरा करने की काबिलियत भी रखता है. अपनी कई हरकतों के चलते आलोचना भी पाता है. लेकिन इसे असल दुनिया का आयरन मैन कहा जाता है. इस आदमी का नाम है इलॉन मस्क. ये आदमी दुनिया के सबसे अमीर इंसानों में से एक है.

28 जून, 1971. साउथ अफ्रीका के प्रिटोरिया शहर में इलॉन मस्क पैदा हुए. इनकी मम्मी मे मस्क एक मॉडल थीं. और पापा इरॉल मस्क इंजीनियर थे.
इलॉन बचपन से ही अलग टाइप के थे. अपने में खोए रहने वाले. जब ये कुछ सोच रहे होते थे और कोई कुछ कहता था तो इनके कानों में जूं भी नहीं रेंगती थी. इनके मम्मी-पापा को लगता कि ये बहरा हो गया है. इलॉन बताते हैं कि ये सबसे अच्छा टाइम हुआ करता था.

बुरा वक्त इलॉन का इंतज़ार कर रहा था. आगे चलकर मम्मी-पापा का डिवॉर्स हो गया. इलॉन ने पापा के साथ रहना चुना. पिता के साथ उनका अनुभव बुरा रहा. वो एक अच्छे पिता नहीं थे. इधर घर में इलॉन पर ध्यान देने वाला कोई नहीं था, उधर स्कूल में इन्हें बुली किया जाने लगा. साथ के बच्चे इन्हें खूब परेशान करते थे. एक बार स्कूल के लौंडों ने इलॉन मस्क को ऐसा मारा कि हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा.
इन सबसे दूर इलॉन मस्क को किताबों का आसरा मिला. बचपन से किताबें पढ़ने का चस्का था. इनकी याददाश्त भी बहुत कमाल थी. फोटोग्राफिक मेमोरी. एक बार कोई चीज़ पढ़ ली, तो दिमाग में छप जाती थी. जब पढ़ने को आसपास की किताबें कम पड़ गईं, तो मस्क ने पूरा एन्साइक्लोपीडिया चाट मारा.
किताबों के साथ मस्क का ध्यान कंप्यूटर की ओर गया. दस की उम्र में कंप्यूटर कोडिंग सीखने लगे. 12 साल के इलॉन ने एक कंप्यूटर गेम बना डाला. इस गेम का नाम था ब्लास्टर. इलॉन मस्क ने इस गेम को एक मैग्ज़ीन को बेचकर 500 डॉलर कमाए.

इंटरनेट की लहर पर सवार जब 17 के हुए को साउथ अफ्रीका छोड़ने का मन बना लिया. साउथ अफ्रीका में मिलिटरी सर्विस कंपलसरी हुआ करती थी. इससे बचने के लिए इलॉन कैनेडा चले गए. यहां क्वीन्स यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. लेकिन इलॉन अमेरिका जाना चाहते थे. कैनेडा वहां जाने का ज़रिया भर था. मस्क ने बाद में यूनिर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया में ट्रांसफर करा लिया. जब यहां से पास हुए, तो उनके हाथ में दो डिग्री थी. फिज़िक्स और इकॉनमिक्स.
इसके बाद इलॉन मस्क पीएचडी करने स्टैनफर्ड यूनिर्सिटी पहुंचे. लेकिन मन में कुछ और ही चल रहा था. दो दिन बाद पीएचडी छोड़ दी. दुनिया में उस वक्त इंटरनेट अपने पांव जमा रहा था. इलॉन अपने छोटे भाई किंबल मस्क के साथ इंटरनेट की दुनिया में कूद गए. इसके लिए मस्क ने पापा से पैसे लिए और अपने छोटे भाई के साथ मिलकर Zip2 नाम की सॉफ्टवेयर कंपनी बनाई. इस कंपनी को कॉम्पेक ने खरीद लिया. मस्क को 22 मिलियन डॉलर (अभी के हिसाब से करीब 161 करोड़ रुपये) मिले.

इस पैसे से इन्होंने X.com नाम की कंपनी शुरू कर दी. ये तब की शुरुआती ऑनलाइन बैंकिंग कंपनियों में से थीं. यही कंपनी बाद में चलकर Paypal बनी. 2002 में इस कंपनी को eBay को बेच दिया. इससे मस्क को US$165 million (अभी के हिसाब से करीब 1200 करोड़ रुपये) मिले. इस पैसे को लेकर मस्क अय्याशी से रह सकते थे, लेकिन इनका दिमाग मंगल की परिक्रमा करने लगा. इलॉन को हमेशा से ही साइंस-फिक्शन बहुत पसंद थे. अब वो इन कल्पनाओं को हकीकत बनाने की तरफ चल दिए. बड़े-बडे़ सपने 2001 में मार्स ओएसिस का आइडिया आया. प्रयोग के तौर पर पृथ्वी से मंगल ग्रह पर ग्रीनहाउस भेजा जाए. वहां पौधे उगाए जाएं. लेकिन अंतरिक्ष में कूच करने के लिए रॉकेट की ज़रूरत होती है. मस्क को पता चला कि रूस से सस्ते रॉकेट जुगाड़े जा सकते हैं. इसी सिलसिले में वो 2001 में में रूस गए. लेकिन वहां मस्क को नए लौंडे की तरह देखा गया. और हल्के में ले लिया.

2002 में मस्क दोबारा रशिया पहुंचे. तीन ICBM खरीदने के मकसद से. इंटर कॉन्टिनेंट बैलेस्टिक मिसाइल. इन पुरानी मिसाइलों को रॉकेट की तरह इस्तेमाल किया जा सकता था. लेकिन रूस के ठेकेदारों ने एक मिसाइल की कीमत आठ मिलियन डॉलर (करीब 58 करोड़ रुपये, अभी के हिसाब से) बताई. मस्क को ये पैसा बहुत ज़्यादा लगा और वो मीटिंग छोड़ के निकल लिए. उन्हें लगा कि वो खुद इससे कम पैसे में रॉकेट बना सकते हैं.
इसके बाद इलॉन मस्क की कहानी उनकी बनाई कंपनियां बयां करती हैं. स्पेसऐक्स – अंतरिक्ष में छलांग इलॉन मस्क को लगता है कि एक ग्रह पर रहना थोड़ा रिस्की मामला है. हो सकता है कल को तृतीय विश्व युद्ध छिड़ जाए और न्यूलीयर धमाकों से ये दुनिया खत्म हो जाए. या हो सकता है जैसे एक ऐस्टेरॉइड ने पृथ्वी से डायनासौर्स को खत्म कर दिया, वैसे ही मनुष्यों का निशान भी मिट जाए. तो हमारी सभ्यता की ऐक्सपायरी डेट आगे बढ़ाने के लिए हमें दूसरे ग्रहों पर भी अपना डेरा जमाना होगा.
2002 में इलॉन मस्क ने स्पेस ऐक्सप्लोरेशन टेक्नोलॉजीज़ नाम की कंपनी बनाई. आगे चलकर यही कंपनी स्पेसऐक्स के नाम से पॉपुलर हुई. इलॉन अंतरिक्ष में होने वाली यात्रा को आसान और सस्ता बनाना चाहते थे. स्पेसऐक्स का मकसद है मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती बनाना. इलॉन चाहते हैं कि इंसान सिर्फ एक ग्रह तक सीमित न रहकर मल्टिप्लानेटरी स्पीशीज़ बनें. यानी अनेक ग्रहों पर रहने वाली प्रजाति.

स्पेसऐक्स की शुरुआत तो हो गई लेकिन इसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. 2006 में कंपनी का पहला रॉकेट लॉन्च के 33 सेकंड बाद ही फेल हो गया. इसके बाद 2007 और 2008 में हुए दूसरे और तीसरे रॉकेट लॉन्च भी फेल हो गए. तीसरे फेलियर के बाद कंपनी बंद होने की कगार पर आ गई.
स्पेसएक्स के पहले तीन रॉकेट लॉन्च लगातार फेल हुए. अब इलॉन मस्क के पास सिर्फ इतना पैसा बचा कि सिर्फ एक और रॉकेट लॉन्च ट्राय किया जा सकता था. इस बार सब ठीक रहा. 28 सितंबर, 2008 को फैल्कन-1 रॉकेट अपने चौथे लॉन्च में सफलतापूर्वक अर्थ ऑर्बिट में पहुंच गया.

इलॉन मस्क के मुताबिक, 2008 उनकी ज़िंदगी का सबसे बुरा साल था. बड़ी मुश्किल से स्पेसऐक्स का पहला रॉकेट लॉन्च हो पाया. इनकी दूसरी कंपनी टेस्ला लगातार घाटे में चल रही थी. इलॉक मस्क लगभग कंगाल होने की कगार पर आ गए. इन्हें कंगाल होने से किसने बाचाया ये आगे जानेंगे. पहले टेस्ला और सोलर सिटी की बात कर लेते हैं. टेस्ला और सोलर सिटी – साफ ऊर्जा की दुनिया मस्क को इलेक्ट्रिक कार में बहुत संभावनाएं नज़र आती थीं. 2003 में टेस्ला मोटर्स नाम की एक इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी शुरू हुई. इसे मस्क ने शुरू नहीं किया था. लेकिन 2004 में मस्क ने टेस्ला मोटर्स को सबसे ज़्यादा फंडिंग दी और कंपनी जॉइन कर ली. मस्क ने टेस्ला की पहली कार बनाने में अहम भूमिका निभाई.
2006 में टेस्ला मोटर्स ने रोडस्टर नाम की अपनी पहली कार लॉन्च की. इस वक्त इलॉन मस्क टेस्ला के चेयरमेन बन चुके थे. लेकिन 2007 आते-आते टेस्ला बैंकरप्ट होने वाली थी. इलॉन ने अपनी जेब से पैसा लगाकर इस कंपनी को बचाया. और 2008 में मस्क इस कंपनी के सीईओ भी बन गए. टेस्ला ने आगे जाकर इलेक्ट्रिक कारों के बेहद आधुनिक मॉडल बनाए. और लोगों का भरोसा जीत लिया.

मस्क दुनिया से ऊर्जा की समस्या हल करना चाहते हैं. उनकी कार ईधन से तो नहीं चलतीं, लेकिन उसमें इस्तेमाल होने वाली बिजली तो फॉसिल फ्यूल का इस्तेमाल करती थी. और फॉसिल फ्यूल के भंडार एक न एक दिन दुनिया से खत्म हो जाएंगे. ऐसे में दुनिया से एनर्जी की प्रॉब्लम का हल कैसे निकलेगा? इसलिए इलॉन मस्क दुनिया को रिन्यूएबल एनर्जी की ओर ले जाना चाहते हैं.
स्पेस और ऑटोमोबाइल के बाद मस्क को एक ऐनर्जी कंपनी का आइडिया आया. सोलर सिटी. ये एक सोलर एनर्जी कंपनी है जिसकी शुरुआत 2006 में हुई. मस्क ने अपने कज़िन पीटर और लिंडन राइव इसे शुरू करने के लिए कहा. इसके लिए पैसे और बाकी मदद इलॉन मस्क ने की.

2013 में सोलर सिटी अमेरिका में घरेलू सोलर पैनल लगाने वाली लीडिंग कंपनी बनी. 2016 में टेस्ला ने सोलर सिटी को खरीद लिया. फिर इनकी कहानी साथ ही आगे बढ़ी. डूबने के बाद की उड़ान वापस 2008 पर चलते हैं. स्पेसऐक्स, टेस्ला और सोलरसिटी के साथ इलॉन मस्क दीवालिए होने वाले थे. मस्क ने अपना पूरा पैसा चौथे रॉकेट लॉन्च में लगा दिया था. किस्मत से ये सफल रहा. दिसंबर 2008 में स्पेसऐक्स को नासा की तरफ से 1.5 बिलियन डॉलर का कॉन्ट्रेक्ट मिल गया. नासा ने स्पेसऐक्स को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में अपना सामान भेजने का काम दिया.
धीरे-धीरे टेस्ला ही हालत भी सुधरने लगी. टेस्ला को बड़े इनवेस्टर मिलने लगे. रोडस्टर के बाद टेस्ला मॉडल S का प्रोटोटाइप लेकर आई. कई लोग इससे इंप्रेस हुए. कंपनी को अमेरिका की सरकार से लोन मिल गया. 2010 में टेस्ला मोटर्स IPO लेकर आई और पब्लिक हो गई. इससे जुटाई राशि के बाद मॉडल S का प्रोडक्शन चालू हुआ. 2012 में ये कार मार्केट में आ गई.

2013 में टेस्ला ने अमरीकी सरकार को सूद समेत पूरा लोन चुका दिया. इसके बाद टेस्ला ने कई और लग्ज़री और आधुनिक वाहन बनाए. और ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक बहुत बड़ी कंपनी बनकर उभरी.
2012 में स्पेसऐक्स ISS सामान भेजने वाली पहली प्राइवेट कंपनी बनी. इसके बाद इस कंपनी ने रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड तोड़े.
दिसंबर 2015 में इतिहास में पहली बार किसी रॉकेट को ऑर्बिटल लॉन्च के बाद पृथ्वी पर लैंड कराया गया. ये स्पेसऐक्स का फैल्कन 9 रॉकेट था. अप्रैल 2016 में इसी रॉकेट को लॉन्च के बाद ऐटलांटिक महासागर में तैनात एक जहाज़ पर लैंड कराया गया. स्पेसऐक्स रीयूज़ेबल रॉकेट से नए कीर्तिमान स्थापित करने लगी. जो रॉकेट लॉन्च के बाद किसी काम का नहीं रहता था, अब उसे दोबारा इस्तेमाल किया जाने लगा. इससे उनका बहुत सारा पैसा बचने लगा.

मई, 2020 में स्पेसऐक्स नासा के दो ऐस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में लेकर गई. इस मिशन का नाम था डेमो-2. इस डेमॉन्स्ट्रेशन के बाद स्पेसऐक्स ने ऐस्ट्रोनॉट्स भेजने के लिए नासा का भरोसा हासिल किया. और इसके साथ स्पेसऐक्स इंसान को अंतरिक्ष में ले जाने वाली पहली प्राइवेट कंपनी बनी. अब नासा और स्पेसऐक्स साथ मिलकर आगे के मिशन्स की तैयारी कर रहे हैं. कितना काम करोगे भैया? टेस्ला और स्पेसऐक्स मस्क की दो सबसे बड़ी कंपनी हैं लेकिन उनका मन इतने में शांत बैठने वाला नहीं था. इलॉन मस्क इसके अलावा कई और क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. इनके बारे में बहुत ब्रीफली जान लीजिए.
स्टारलिंक
स्पेसऐक्स का बेहद महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है स्टारलिंक. स्टारलिंक के ज़रिए इलॉन मस्क दुनिया के हर कोने में इंटरनेट की पहुंच बनाना चाहते हैं. अब तक जिस इंटरनेट पर दुनिया चल रही है, वो मुख्यत: ज़मीन के भीतर बिछी फाइबर केबल्स से चलता है. लेकिन इनकी पहुंच हर जगह नहीं है. इलॉन मस्क की कंपनी सैटेलाइट के ज़रिए तेज़ और ज़्यादा कवरेज वाला इंटरनेट लॉन्च करने की तैयारी में है. इसके हज़ारों सैटेलाइट्स को लॉन्च किया जा रहा है. इन सैटेलाइट्स का नेटवर्क स्टारलिंक पूरी दुनिया में तेज़ इंटरनेट उपलब्ध कराएगा. अब तक स्टारलिंक की 955 से ज़्यादा सैटेलाइट्स लॉन्च भी हो चुकी है.

हाइपरलूप
2012 में इलॉन मस्क ने पहली बार हाइपरलूप का ज़िक्र किया. ये एक पैसेंजर ट्रांसपोर्ट सिस्टम है, जिस पर पर कई दूसरी कंपनियां भी काम कर रही हैं. इसका कॉन्सेप्ट स्पेसऐक्स और टेस्ला ने साथ मिलकर तैयार किया है. लगभग वैक्यूम जैसे ट्यूब्स के अंदर प्रेशराइज़्ड पॉड्स को चलाया जाएगा. इसके लिए इलैक्ट्रोमैग्नेटिक फोर्स का सहारा लेना होगा. चूंकि वैक्यूम ट्यूब के अंदर हवा का घर्षण रुकावट पैदा नहीं करेगा, इसलिए ये एक हाई-स्पीड ट्रांसपोर्ट सिस्टम होगा.

बोरिंग कंपनी
इलॉन मस्क की ये कंपनी ट्रैफिक की समस्या सुलझाने के लिए बनी है. सड़क पर गाड़ियां बढ़ती ही जा रही हैं और उनके लिए जगह कम होती जा रही है. इसलिए मस्क ने ज़मीन के नीचे टनल बनाने की ठान ली. बोरिंग कंपनी शहरों के नीचे कई सुरंगें बनाएगी, जिससे शहर के ट्रांसपोर्ट को नीचे शिफ्ट किया जा सके. बोरिंग कंपनी हाइपरलूप प्रोजेक्ट के लिए एक सपोर्ट का काम भी करेगी.
ओपन AI
AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस. ये टेक्नॉलजी हर दिन अपने पैर पसारते जा रही है. जहां एक ओर ये बहुत मददगार है, वहीं भविष्य में इसके खतरनाक साबित होने का डर भी है. कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि मशीन सीखते-सीखते हमसे ज़्यादा पावरफुल हो जाएगी और हमारे खात्मे का कारण भी बन सकती हैं. इलॉन मस्क लंबे अरसे से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खतरों को लेकर वोकल हैं. इसी चिंता के चलते मस्क ने 2015 में ओपन AI की शुरुआत की. ये कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर रिसर्च करती है. इसका मकसद है कि AI मानवता के लिए दोस्ताना और लाभकारी साबित हो.
न्यूरालिंक
इलॉन मस्क आपके दिमाग को मशीन से जोड़ना चाहते हैं. अभी हम या तो हाथ से मशीन कंट्रोल करते हैं या आवाज़ से. मस्क को लगता है कि मशीन से संवाद करने का ये धीमा तरीका है. हम सीधे अपने दिमाग से ही मशीन कंट्रोल कर सकते हैं. इसके लिए मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ब्रेन-मशीन इंटरफेस तैयार कर रही है. यानी ऐसी टेक्नोलॉजी कि एक चिप आपके सिर पर लगाने के बाद आपका दिमाग मोबाइल, कंप्यूटर या अन्य मशीनों से जुड़ जाएगा.

कॉन्ट्रोवर्सी का चुंबक मस्क को असल दुनिया का आयरन मैन तो कहा जाता है, लेकिन ये कॉन्ट्रोवर्सी-रहित रहना पसंद नहीं करते.
2018 में इलॉन मस्क ने एक ट्वीट में टेस्ला को प्राइवेट करने की बात लिखी थी. इसके बाद टेस्ला के स्टॉक्स में उथल पुथल मच गई. इसके बाद अमेरिका की सिक्योरिटीज़ एंड ऐक्सचेंज कमिशन (SEC) ने इलॉन मस्क पर मुकदमा चला दिया. इलॉन मस्क पर शेयरधारकों को धोखा देने का आरोप लगा. इसके लिए उन्हें भारी जुर्माना चुकाना पड़ा. और तीन साल के लिए टेस्ला का सीईओ पद छोड़ना पड़ा.
इसके बाद एक और बड़ी कॉन्ट्रोवर्सी तब हुई जब इलॉन मस्क ने गांजा फूंक लिया. इलॉन मस्क जो रोगन के पॉडकास्ट में बैठे थे. जो रोगन ने एक जॉइंट चलाया और इलॉन मस्क ने उसमें से एक कश मार लिया. और ये मोमेंट कैमरे में रिकॉर्ड हो गया. फिर क्या? हो गया बवाल. इत्ती बड़ी-बड़ी कंपनियों का मालिक और ऑन-कैमरा गांजा फूंक रहा है. कुछ ने सीरियसली लिया, कुछ ने मजे लिए. लेकिन इलॉन मस्क की कंपनियों के स्टॉक उस दिन धड़ाम से गिर गए.
2020 में कोरोनावायरस के चलते इलॉन मस्क एक ताजी कॉन्ट्रोवर्सी में घिर गए. इन्होंने इसे बिलकुल सीरियसली नहीं लिया. हल्की बायनबाज़ी से लेकर लॉकडाउन के दौरान अपनी कंपनी खोलने फैसलों ने इन्हें विवादों में रखा.
इन सबके बावजूद इलॉन मस्क कई लोगों के लिए एक इंसपिरेशनल फिगर हैं. कुछ के लिए आयरनमैन हैं. कुछ के लिए सुपरह्यूमन हैं. और कई लोग कहते हैं कि ये इंसान नहीं एलियन है. जो भी हो, लेकिन ये बंदा बहुत पोटास वाला है.

आपके कान बजते रहते हैं आती है सीटी की आवाज इन 5 आयुर्वेदिक उपायों से दूर करें ये समस्या,

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tinnitus

टिनिटस (Tinnitus) एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को अपने कानों में शोर सुनाई देता है, हालांकि बाहरी वातावरण में कोई वास्तविक ध्वनि नहीं होती। यह शोर घंटी बजने, गूंजने, सीटी बजने या अन्य किसी तरह की आवाज़ के रूप में हो सकता है। यह समस्या अस्थायी हो सकती है, लेकिन कई मामलों में यह लंबे समय तक भी बनी रह सकती है।

टिनिटस के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें कान के भीतर या सुनने की नसों से संबंधित समस्याएँ प्रमुख हैं। अधिक शोर में रहने, कान में मैल जमने, कान की चोट, संक्रमण, या सुनने की क्षमता में कमी इसके मुख्य कारण हो सकते हैं। इसके अलावा, उच्च रक्तचाप, सिर में चोट, या कुछ दवाइयों का उपयोग भी टिनिटस का कारण बन सकता है।

हालांकि टिनिटस का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जैसे शोर-रहित वातावरण से बचना, कान की देखभाल करना, तनाव को कम करना और डॉक्टर की सलाह पर दवाइयाँ या थेरेपी लेना।

कान में सीटी बजने की समस्या को दूर करने के उपाय
1. डॉ. डिंपल जंगड़ा कहती हैं कि यदि आपके कान बजते (kan kyo bajta hai) हैं, सीटी जैसी आवाज आती रहती है, कान बंद हैं, खाते समय कानों में दर्द होता है तो आप सबसे पहले ठंडी चीजों का सेवन पूरी तरह से बंद कर दें. आइसक्रीम, सोडा, ठंडा पानी, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स ना पिएं. डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही, छाछ, पनीर, चीज का सेवन बंद कर दें. ऐसा इसलिए, क्योंकि ये सभी चीजें शरीर में जाकर अधिक म्यूकस यानी बलगम बनाती हैं.

2. बार-बार सर्दी, खांसी जुकाम ना हो, इसका भी ध्यान रखें. कई बार अधिक बलगम होने से भी कान बंद हो जाते हैं या बजने लगते हैं. ऐसे में कोशिश करें कि अधिक बलगम ना जमा हो. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप गर्म पानी से भाप लें (स्टीम इनहेलेशन). इसके लिए आप पानी में कुछ बूंदें नीलगिरी के तेल, सौंफ के तेल, टी ट्री के तेल, पुदीने के तेल या फिर थाइम तेल की कुछ बूंदों को पानी में मिलाकर भाप लेने से फायदा होगा.

3. कान का दर्द कम करने के लिए आप अजवाइन के बीज का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे तवे पर भूनकर, पुल्टिस बैग (poultice bag) में रखकर कानों की सिंकाई कर सकते हैं.

4. आयुर्वेद में एक और उपाय कर्ण पुराण (Karna Purana) है. इसमें गर्म तिल का तेल लेते हैं. हल्का गर्म तेल लें, ताकि दोनों कानों में कुछ बूंदों को आराम से डाला जा सके. इससे ईयर कैनाल (Ear Canal) चिकना हो जाता है और अतिरिक्त गंदगी, यहां तक ​​कि फंसे हुए बलगम और विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाता है.

5. यदि समस्या बनी रहती है और लक्षण बढ़ते हैं तो राहत पाने के लिए डॉक्टर से जरूर दिखाएं. एक्सपर्ट कानों की जांच करेंगे. गंदगी को साफ करेंगे. आप इन तमाम नेचुरल तरीके से इस समस्या को ठीक कर सकते हैं.

क्यों होता हैं हमे माईग्रेन …

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क्यों होता हैं हमे माईग्रेन …

### माइग्रेन:migraine एक सूक्ष्म दृष्टिकोण

माइग्रेन, migraine एक आम लेकिन गंभीर सिरदर्द की स्थिति है, जो दुनिया भर के लाखों लोगों को प्रभावित करती है। यह सामान्य सिरदर्द से कहीं अधिक है; यह एक जटिल तंत्रिका संबंधी विकार है, जिसमें तीव्र दर्द, भिन्न प्रकार के लक्षण, और कई बार दिनचर्या में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इस लेख में, हम माइग्रेन के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देंगे, ताकि इसे और बेहतर ढंग से समझा जा सके।

### माइग्रेन migraine के लक्षण

माइग्रेन migraine के लक्षण विविध और जटिल हो सकते हैं। इनमें मुख्यतः एक तरफ का तेज दर्द, मितली, और प्रकाश या ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता शामिल होते हैं। कुछ लोग इसके साथ ऑरा का अनुभव करते हैं, जिसमें दृष्टि में धुंधलापन, चमकदार बिंदु, या अन्य लक्षण शामिल हो सकते हैं। यह लक्षण सामान्यतः 4 से 72 घंटे तक रह सकते हैं और व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों को बाधित कर सकते हैं।

### माइग्रेन migraine के प्रकार

माइग्रेन migraine को कई प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है। सबसे सामान्य प्रकार “माइग्रेन विद ऑरा” और “माइग्रेन विदाउट ऑरा” हैं। इसके अलावा, कुछ लोग ‘क्लासिक माइग्रेन’ का अनुभव करते हैं, जो ऑरा के साथ आता है, जबकि अन्य ‘साधारण माइग्रेन’ का सामना करते हैं। कुछ दुर्लभ प्रकार भी होते हैं जैसे कि ‘कंप्लेक्स माइग्रेन’, जिसमें न्यूरोलॉजिकल लक्षण शामिल होते हैं, जैसे बोलने में कठिनाई या लकवा।

### माइग्रेन migraine के कारण

माइग्रेनmigraine के कारण पूर्ण रूप से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन यह माना जाता है कि यह आनुवंशिक, पर्यावरणीय, और तंत्रिका संबंधी कारकों का परिणाम हो सकता है। कुछ सामान्य ट्रिगर में तनाव, हार्मोनल परिवर्तन, अनियमित नींद, और खाद्य पदार्थ जैसे चॉकलेट, चीज़, या शराब शामिल हैं। इसके अलावा, मौसम में बदलाव भी माइग्रेन को उत्पन्न कर सकता है।

### उपचार और प्रबंधन

माइग्रेन migraine के उपचार में विभिन्न दृष्टिकोण शामिल होते हैं। दर्द निवारक दवाएं, जैसे कि इबुप्रोफेन या एस्पिरिन, प्रारंभिक लक्षणों को नियंत्रित करने में सहायक हो सकती हैं। चिकित्सक कभी-कभी प्रिस्क्रिप्शन दवाओं का उपयोग करने की सलाह देते हैं, जैसे कि ट्रिप्टान्स, जो माइग्रेन के लिए विशेष रूप से बनाए गए हैं। इसके अलावा, जीवनशैली में बदलाव—जैसे नियमित व्यायाम, हल्का आहार, और तनाव प्रबंधन तकनीक—भी माइग्रेन के हमलों की आवृत्ति को कम कर सकते हैं।

### निष्कर्ष

माइग्रेनmigraine

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migraine
एक जटिल स्थिति है, लेकिन इसके बारे में जागरूकता और उचित प्रबंधन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आप माइग्रेन का अनुभव करते हैं, तो अपने चिकित्सक से परामर्श करें और उसके अनुसार उपचार योजना विकसित करें। याद रखें, सही जानकारी और उपायों के साथ, आप माइग्रेन को प्रभावी ढंग से संभाल सकते हैं।

इस लेख में हमने माइग्रेन के लक्षण, प्रकार, कारण, और उपचार के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। आशा है कि इससे आपको इस स्थिति के समझने में मदद मिलेगी और आप इसे सफलतापूर्वक प्रबंधित कर पाएंगे।

हार्ट अटैक

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HEART ATTACK हार्ट अटैक: लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

हार्ट अटैक, जिसे भारतीय चिकित्सा में “हृदयाघात” कहा जाता है, एक गंभीर अवस्था है जो तेजी से बढ़ते जीवनशैली के कारण आम होती जा रही है। यह तब होता है जब हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियां किसी वजह से अवरुद्ध हो जाती हैं। इस लेख में, हम हार्ट अटैक के लक्षण, इसके मुख्य कारण और इससे बचाव के उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

#### हार्ट अटैक के लक्षण

हार्ट अटैक के लक्षण अक्सर समय से पहले दिखाई देते हैं, लेकिन कई बार ये अचानक भी आ सकते हैं। कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

1. **सीने में दर्द**: प्रेसर या भारीपन का एहसास।
2. **श्वसन में कठिनाई**: सांस लेने में दिक्कत होना।
3. **पसीना आना**: बिना किसी मेहनत के अधिक पसीना आना।
4. **चक्कर आना**: अचानक कमजोरी या चक्कर आना।

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो तत्काल चिकित्सा सहायता लें। समय पर इलाज से जान बचाई जा सकती है।

#### हार्ट अटैक के मुख्य कारण

हार्ट अटैक के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें कुछ प्रमुख हैं:

1. **धूम्रपान**: यह धमनियों को संकुचित कर देता है और रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है।
2. **अस्वस्थ खान-पान**: फास्ट फूड और उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
3. **व्यायाम की कमी**: नियमित व्यायाम न करने से वजन बढ़ता है, जो हृदय रोग का एक प्रमुख कारक है।
4. **तनाव**: मानसिक तनाव भी हृदय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

इन कारणों को समझना और उनसे बचना महत्वपूर्ण है, ताकि हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सके।

#### हार्ट अटैक से बचाव के उपाय

अपने हृदय को स्वस्थ रखने और हार्ट अटैक से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं:

1. **संतुलित आहार**: फलों, सब्जियों, अनाज और हेल्दी फैट से भरा आहार लें।
2. **नियमित व्यायाम**: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट तक व्यायाम करें।
3. **धूम्रपान से दूर रहें**: यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ दें।
4. **तनाव प्रबंधन**: योग और ध्यान जैसी तकनीकों का उपयोग करें।

इन सरल उपायों को अपनाकर आप अपने हृदय को मजबूत बना सकते हैं और हार्ट अटैक के खतरे को कम कर सकते हैं।

#### निष्कर्ष

हार्ट अटैक एक गंभीर समस्या है, लेकिन जागरूकता और सावधानी बरतने से इसे रोका जा सकता है। लक्षणों को पहचानना और सही समय पर चिकित्सा लेना बेहद जरूरी है। यदि आप स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं, तो आप अपने हृदय को मजबूत रख सकते हैं और इस जानलेवा स्थिति से खुद को बचा सकते हैं। याद रखें, हमेशा अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और नियमित चेक-अप करवाना न भूलें। आपके हृदय की सेहत का ध्यान रखना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए!

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016c8910e14cecf80f4d4532e2e5eaefmehndi design simple for karwa chauth*करवाचौथ: एक प्रेम और समर्पण का पर्व**करवाचौथ, भारत के उत्तर-पश्चिमी राज्यों में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो खास तौर पर शादीशुदा महिलाओं द्वारा अपने पतियों की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चौथ को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं संपूर्ण दिन उपवासी रहकर चंद्रमा की आराधना करती हैं।### त्यौहार की परंपराइस दिन सुबह से ही महिलाएं पूजा की तैयारी में जुट जाती हैं। वे सजी-धजी होती हैं, हाथों में मेहंदी लगाती हैं और नए कपड़े पहनती हैं। दिन भर उपवास करने के बाद, वे रात को चंद्रमा को देखती हैं और फिर अपने पति का चेहरा देखकर पानी पीती हैं। इस अलौकिक क्षण में एक अनोखा जादू होता है, जो न केवल पति-पत्नी के बंधन को मजबूत करता है, बल्कि पारिवारिक संबंधों को भी प्रगाढ़ बनाता है।### करवा चौथ की पूजाइस अवसर पर महिलाएं करवा (एक प्रकार की मिट्टी की बर्तन) लेकर आती हैं, जिसमें वे जल, मिठाई, तेल, और दीपक रखती हैं। पूजा के समय उनका ध्यान पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ उस करवे पर होता है। महिलाएं मांगलिक गीत गाती हैं और अपनी सखियों के साथ मिलकर इस अवसर का आनंद लेती हैं।### सांस्कृतिक महत्वकरवाचौथ न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा भी है। यह प्यार, विश्वास, और समर्पण का प्रतीक है। पति-पत्नी के रिश्ते में यह विशेष दिन एक नए एहसास को जन्म देता है।### निष्कर्षकरवाचौथ हमें यह सिखाता है कि सच्चे प्रेम और समर्पण का कोई विकल्प नहीं होता। यह पर्व न केवल व्यक्तिगत रिश्तों को मजबूती प्रदान करता है, बल्कि समाज में महिलाओं की भूमिका को भी उजागर करता है। इस दिन की रौनक और उल्लास हर किसी के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम करती है।इस प्रकार, करवाचौथ का त्योहार एक सुंदर संकल्पना है, जो परिवार, प्यार और समर्पण की भावना को और भी प्रगाढ़ बनाता है।

Israel Hezbollah War-इजराईल में पी एम नेतान्याहू के घर के करीब ड्रोन अटैक…हिजबुल्लाह नें किया अटैक

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इजरायली डिफेंस फोर्सेस ने जानकारी दी हैं कि लेबनान नें 3 ड्रोन से हमला किया हैं …एक ड्रोन का हमला पीएंम बेंजामिन नेतन्याहू के घर पास हुआ हैं आईडीएफ ने इस बात को स्वीकार किया है कि उनका एयर डिफेंस सिस्टम ड्रोन हमले को रोकने में नाकामयाब रहा।
इजरायली PM नेतन्याहू के घर पर हमला, हिज्बुल्लाह ने ड्रोन से बनाया निशाना, अभी तक किसी के घायल होने की ख़बर नहीं. IDF के मुताबिक लेबनान से लॉन्च किया गया ड्रोन. इजरायली PM के प्रवक्ता ने बताया-“हमले के वक्त घर पर नहीं थे नेतन्याहू ”

अभी-अभी बाबा सिद्दिकी केस में 5 लोगो को डिटेन किया गया है मुंबई क्राईम ब्रांच ने पांच लोगो को पनवेल कल्याण डोंबिवली से हिरासत मे लिया हैं पूछताछ

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अभी-अभी

बाबा सिद्दिकी केस में 5 लोगो को डिटेन किया गया है मुंबई क्राईम ब्रांच ने पांच लोगो को पनवेल कल्याण डोंबिवली से हिरासत मे लिया हैं पूछताछ
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अजय देवगन नें ट्वीट कर जय बजरंगबली गाने का टीजर जारी किया

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इस दीपावली रोहित शेट्टी की सबसे वायरल फिल्म सिंघम अगेन रीलीज होने जा रही है जिसका दर्शको को भरपूर इंतजार हैं

Singham Again: सिंघम के तीन हथियार राम, रामायण, बजरंग बली, पढ़ें पूरी खबरSingham Again first Song Jai Bajrangbali: सिंघम अगेन का ट्रेलर रिलीज हुआ तो फिल्म में रामायण की झलक मिली और भगवान राम की लीला भी नजर आई.
Singham Again first Song Jai Bajrangbali: सिंघम अगेन का ट्रेलर रिलीज हुआ तो फिल्म में रामायण की झलक मिली और भगवान राम की लीला भी नजर आई. फिल्म के कई कैरेक्टर राम, लक्ष्मण, सीता, बजरंग बली और जटायु की याद दिलाते नजर आए. अब सिंघम अगेन का पहला गाना 19 अक्टूबर को रिलीज किया जा रहा है और इसका टीजर भी रिलीज कर दिया गया है. जब बजरंग बली शीर्षक के इस गाने की झलक दिखा दी गई है. इस तरह यह बात एकदम साफ होती नजर आ रही है कि सिंघम इस बार जहां सुपरस्टार्स के साथ आएगा तो वहीं उसको राम, रामायण और बजरंगबली का भी साथ हासिल है.

सिंघम अगेन के ट्रेलर में जहां राम (अजय देवगन), लक्ष्मण (टाइगर श्रॉफ), सीता (करीना कपूर), शबरी (दीपिका पादुकोण), जटायु (अक्षय कुमार) और बजरंग बली (रणवीर सिंह) की झलक देखने को मिली थी. इस तरह फिल्म के पौन पांच मिनट के ट्रेलर में एक तरह से संक्षिप्त रामायण के दर्शन करवा दिए गए थे. इस तरह गोवा का बाजीराव सिंघम अब पूरी तरह से भक्ति के रंग में रंग चुका है और इस बार फिल्म में पूरी रामायण को देखा जा सकेगा. कुल मिलाकर इस बार सिंघम का कौन सा अवतार दिखने वाला है, इसका तो इशारा मिल ही चुका है.

अनलिमिटेड पोटेंशियल का प्रदेश है यूपी, पूरा होगा OTDE का संकल्प: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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2021-22 के 16.45 लाख करोड़ की जीडीपी के सापेक्ष 2023-24 में 25.48 लाख करोड़ से ज्यादा हो गई जीडीपी, इस वर्ष हमारा GSDP लक्ष्य 32 लाख करोड़ का: मुख्यमंत्री

OTDE के लिए नीति और नियोजन सही, बड़े लक्ष्य के लिए स्पीड तेज करने की जरूरत: मुख्यमंत्री

हर विभाग की कैपेसिटी बिल्डिंग करने की आवश्यकता, बड़े रिफॉर्म के लिए तैयार रहें: मुख्यमंत्री

OTDE के लिए हर विभाग में नामित हो नोडल अधिकारी, प्रमुख सचिव और विभागीय मंत्री करें पाक्षिक, मासिक समीक्षा

OTDE लक्ष्य की प्राप्ति में हर विभाग की भूमिका, सही दिशा में अब तक के प्रयास: मुख्यमंत्री

‘एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था’ के लिए जारी प्रयासों और परिणामों की मुख्यमंत्री ने की समीक्षा, सेक्टरवार प्रगति की भी ली जानकारी

इन्वेस्टमेंट और भूमि अधिग्रहण से जुड़े प्रकरण में अनावश्यक देरी पर तय होगी जिलाधिकारी की जवाबदेही: मुख्यमंत्री

07 वर्षों में GDP और प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक हुई

2023-24 में राज्य के लिए अनुमानित GSVA 23 लाख करोड़ के सापेक्ष सकल मूल्य वर्धन 23.24 लाख करोड़ रहा

2023-24 में CAGR लगभग 16% रहा, वर्तमान वर्ष के लिए 25% का लक्ष्य

कृषि सेक्टर में सीड इकोसिस्टम को बेहतर करना होगा, इसके लिए सीड पार्क जैसे प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता: मुख्यमंत्री

फसल विविधीकरण एवं बेहतर सप्लाई चेन मैनेजमेंट और बेहतर करने के हों प्रयास: मुख्यमंत्री

हार्टिकल्चर में ‘पर ‘ब्लॉक-वन क्रॉप’ जैसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए: मुख्यमंत्री

होटल/रेस्टोरेंट, ट्रान्सपोर्ट, संचार, रियल एस्टेट, प्रोफेशनल सर्विस, व अन्य सेवाओं में तेजी तरक्की उत्साहजनक: मुख्यमंत्री

देश में पर्यटकों की पहली पसंद है उत्तर प्रदेश, वर्तमान वर्ष में अब तक 62 करोड़ से अधिक पर्यटकों का आगमन

बौद्ध सर्किट और नैमिषारण्य जैसे केंद्रों को चिन्हित कर उनकी बेहतर ब्रांडिंग करनी चाहिए: मुख्यमंत्री

पर्यटन स्थलों पर जनसुविधाएं और बेहतर की जाएं: मुख्यमंत्री

OTDE के लक्ष्य की सफलता में निजी क्षेत्र की बड़ी भूमिका, निवेशकों से संपर्क-संवाद का क्रम जारी रखें, MoUs को धरातल पर उतारें: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री का निर्देश, लैंडबैंक के विस्तार, नीतिगत सुधार और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए करें और बेहतर प्रयास

अपेक्षित परिणाम के लिए आंकड़ों का संग्रहण शुद्धता के साथ होना आवश्यक, करायें प्रशिक्षण: मुख्यमंत्री

औद्योगिक परियोजनाओं के लिए लैंडबैंक बढ़ाना आवश्यक, सिक यूनिट की पहचान करें: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री का निर्देश, यथाशीघ्र लाएं AI और ड्रोन पॉलिसी

लखनऊ में AI सिटी के लिए भूमि आरक्षित, शीघ्र शुरू करें काम: मुख्यमंत्री

डेटा संग्रहण को और बेहतर करने की आवश्यकता, MoSPI के साथ बनाएं संवाद-समन्वय

ग्राम और नगर पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इनके आय संवर्धन के हों प्रयास: मुख्यमंत्री

हॉस्पिटल, हाउसिंग और होटल के लिए निजी क्षेत्र की ओर से मिल रहे बड़े प्रस्ताव, इस सेक्टर में हैं बड़ी संभावना: मुख्यमंत्री

स्टार्ट अप पंजीकरण के लिए कानपुर के साथ-साथ नोएडा में भी सुविधा कार्यालय प्रारंभ कराया जाए

प्रदेश में IT/ITeS टेस्टिंग सेंटर की स्थापना का प्रयास करें: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री का निर्देश, पब्लिक ग्रीवांस सिस्टम को और लाभकारी बनाएं

● मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश को एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के संकल्प की पूर्ति की दिशा में जारी प्रयासों, अब तक के परिणामों और भावी नीति पर विमर्श किया। बैठक में विभिन्न मंत्रीगणों, शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों, सलाहकारों, विशेषज्ञों की उपस्थिति रही। बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी 10 सेक्टरों में जारी कार्यों की समीक्षा की। कंसल्टिंग एजेंसी डेलॉयट इंडिया ने विस्तार से प्रदेश के आर्थिक परिवेश की वर्तमान स्थिति और संभावित भावी परिणाम, उद्योग जगत की अपेक्षाओं आदि के संबंध में सेक्टरवार विस्तार से जानकारी दी। विशेष बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश….

● विगत 07 वर्षों के नियोजित प्रयासों से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था आज सार्वकालिक सर्वश्रेष्ठ स्थिति में है। 2021-22 में प्रदेश की कुल जीडीपी ₹16.45 लाख करोड़ थी जो आज 2023-24 में ₹25.48 लाख करोड़ से अधिक हो गई है। इस वर्ष हमारा GSDP लक्ष्य ₹32 लाख करोड़ का है। सभी के सहयोग से यह लक्ष्य भी पूरा होगा। इन 07 वर्षों में GDP और प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक हुई है। उत्तर प्रदेश आज देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बन रहा है।

● सेक्टरवार विकास के हमारे प्रयासों के आशातीत परिणाम मिल रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अलग-अलग सेक्टरों के लिए सकल मूल्य वर्धन (GVA) का जो लक्ष्य रखा गया, उसके सापेक्ष अधिक वृद्धि देखी गई है। कृषि और सहायक सेक्टर के लिए अनुमानित GVA 5.85 लाख करोड़ के सापेक्ष 5.98 लाख करोड़, विनिर्माण के 2.48 लाख करोड़ के सापेक्ष 2.79 लाख करोड़, ट्रांसपोर्ट, स्टोरेज और कम्युनिकेशन के अनुमानित GVA के सापेक्ष 129% की वृद्धि दर्ज की गई है। स्पष्ट है व्यापार, होटल, परिवहन और प्रसारण से संबंधित संचार सेवाओं की वृद्धि दर में तेजी आई है। ऐसे ही हाल अन्य सेक्टरों में भी है। ओवरऑल 2023-24 में राज्य के लिए अनुमानित GSVA 23 लाख करोड़ के सापेक्ष सकल मूल्य वर्धन 23.24 लाख करोड़ रहा है। यह स्थिति अर्थव्यवस्था की बेहतर स्थिति को प्रदर्शित करती है।

● $1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था (OTDE) के लक्ष्य की प्राप्ति में सभी विभागों की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह लक्ष्य बड़ा है। पिछले वर्ष का रिपोर्ट कार्ड भी विभागों की सक्रियता को प्रदर्शित करता है। हमारी नीति और नियोजन सही है। आवश्यकता है बड़े लक्ष्य के लिए अपनी स्पीड तेज करने की जरूरत है। इसकी रेग्युलर मॉनीटरिंग होनी चाहिए। इसके लिए हर विभाग में इसके लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। नोडल अधिकारी साप्ताहिक, प्रमुख सचिव स्तर पर पाक्षिक और विभागीय मंत्री के स्तर पर मासिक समीक्षा बैठक की जाए।

● आंकड़ों का संग्रहण शुद्धता के साथ होना आवश्यक है। इसके लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) से संवाद-समन्वय बनाएं। उनके अनुभवों का लाभ लें। सही आकलन के लिए विभागवार सांख्यकीय अधिकारियों के लिए कार्यशाला/प्रशिक्षण का आयोजन करें। डेटा जितना शुद्ध होगा, लक्ष्य के लिए हम उतना ही बेहतर प्रयास कर सकेंगे।

● 2023-24 में प्रदेश का कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) लगभग 16% दर्ज किया गया है। यह स्थिति उत्साहजनक है। वर्तमान वर्ष के लिए 25% का लक्ष्य है। सभी विभागों को अपने प्रयास तेज करने होंगे। हमारा लक्ष्य स्पष्ट है। सभी को मिलकर सही नीति और नियोजित क्रियान्वयन के लिए प्रयास करना होगा।

● हर सेक्टर में अवसर हैं, हमें नवाचारों को बढ़ावा देना होगा। कृषि सेक्टर में सीड इकोसिस्टम को बेहतर करना होगा, इसके लिए सीड पार्क जैसे प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता है। किसानों को दलहन, तिलहन, मिलेट अन्न की बोआई के लिए प्रोत्साहित करते हुए फसल विविधीकरण एवं बेहतर सप्लाई चेन मैनेजमेंट और बेहतर करने की आवश्यकता है।

● अनाज, फल और सब्जियों के उत्पादन की वृद्धि दर को दोगुनी तेजी देने के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। हार्टिकल्चर में ‘पर ‘ब्लॉक-वन क्रॉप’ जैसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। किसानों को प्रशिक्षित करें, संसाधन उपलब्ध कराएं, नवाचारों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

● रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रान्सफार्म के मंत्र का अर्थव्यवस्था के द्वितीयक खंड सबसे अच्छा परिणाम देखने को मिला है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की तेज वृद्धि दर उत्साहित करने वाली है। भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत लैंडबैंक के विस्तार, नीतिगत सुधार और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अपने प्रयासों को तेज करना होगा। अनेक निवेशक उत्तर प्रदेश में आने के लिए तैयार हैं। टेक्सटाइल पार्क, सोलर पार्क, प्लेज पार्क के अनेक प्रस्ताव मिल रहे हैं। हमें इस अनुकूल अवसर का लाभ उठाना चाहिए।

● औद्योगिक परियोजनाओं के लिए भूमि की आवश्यकता होगी। सभी को अतिरिक्त प्रयास करना होगा। ग्राम समाज की भूमि औद्योगिक विकास और एमएसएमई के उपयोग में लाने की व्यवस्था की गई है। लैंड पूलिंग पॉलिसी को और बेहतर किया जाना चाहिए। ऐसी भूमि जो आवंटित है लेकिन उपयोग नहीं की जा रही है, उनका चिन्हांकन करें। उनके बारे में यथोचित निर्णय लें। ‘सिक यूनिट’ की पहचान कर उनके सदुपयोग के बारे में निर्णय लें। इंडस्ट्रियल क्लस्टर की कार्ययोजना को आगे बढ़ाया जाए।

● इन्वेस्टमेंट और भूमि अधिग्रहण से जुड़े प्रकरण लंबित नहीं रहने चाहिए। इसके लिए जिलाधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। MoUs को धरातल पर उतारें। विभिन्न एप्रूवल की प्रक्रियाओं को समयबद्ध करना होगा, तय समय सीमा के बीतने के बाद एप्रूवल की डीम्ड मान लिया जाना चाहिए। पब्लिक ग्रीवांस सिस्टम को और लाभकारी बनाया जाने की आवश्यकता है।

● OTDE के लिए हमें निजी और सार्वजनिक निवेश को और बढ़ाना होगा। निवेशकों से संपर्क-संवाद का क्रम जारी रखना चाहिए। नए सेक्टर-नए निवेशकों से भी संवाद करें। उन्हें प्रदेश की यूएसपी से अवगत करायें। इन्वेस्टर आउटरीच को और बेहतर करने की आवश्यकता है। सिंगल विंडो प्रणाली को और सरल तथा अधिक पारदर्शी बनाया जाए।

● ऊर्जा सेक्टर को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर काम करने की जरूरत है। गैर पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने नीति जारी की है। हमें सोलर और बायो मास सेक्टर में निवेशकों की ओर से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। हमें सोलर एनर्जी कैपेसिटी को बढाने पर काम करने की जरूरत है। प्रदेश में पीएम सूर्य घर योजना का कवरेज बढाने का प्रयास करें।

● होटल/रेस्टोरेंट, ट्रान्सपोर्ट, संचार, रियल एस्टेट, प्रोफेशनल सर्विस, व अन्य सेवाओं वाले तृतीयक खंड में प्रदेश तेजी से तरक्की कर रहा है। अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, काशी, प्रयागराज, नैमिषारण्य इसके महत्वपूर्ण केंद्र हैं। विगत 07 वर्षों में यहां व्यापक परिवर्तन हुआ है। टूरिस्ट फुटफॉल अभूतपूर्व रूप से बढ़ा है। वर्तमान वर्ष में अब तक 62 करोड़ से अधिक पर्यटकों का आगमन हो चुका है।यह टूरिस्ट फुटफॉल लोकल इकॉनमी को बढ़ावा देने वाला है। अगले वर्ष प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन है। यह पूरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बड़ा असर डालने वाला होगा। नैमिषारण्य, विंध्यधाम जैसे केंद्रों को चिन्हित कर उनकी बेहतर ब्रांडिंग करनी चाहिए। बौद्ध सर्किट का संबंधित देशों में व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं। पर्यटन स्थलों पर जनसुविधाएं और बेहतर की जाएं।

● आईटी सेक्टर को उद्योग का दर्जा दिया गया है। गौतमबुद्ध नगर आज आईटी/आईटीईइस का ग्लोबल हब बन कर उभरा है। प्रदेश में IT/ITeS टेस्टिंग सेंटर की स्थापना का प्रयास करें। लखनऊ में AI City की भूमि चिन्हित की जा चुकी है, इससे संबंधित पॉलिसी यथाशीघ्र लाई जाए। परियोजना पर काम तेज किया जाना चाहिए। हमें ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेनिंग के लिए भी प्रस्ताव मिले हैं, इसकी बेहतर संभावनाओं का लाभ लेने के लिए हमें यथाशीघ्र अपनी ड्रोन पॉलिसी लागू करनी चाहिए। स्टार्ट अप पंजीकरण के लिए कानपुर के साथ-साथ नोएडा में भी सुविधा कार्यालय प्रारंभ कराया जाए।

● परिवहन सेक्टर की बेहतरी के लिए ठोस प्रयास किये जाने चाहिए। असेवित क्षेत्रों के लिए बसों का संचालन करें। निजी क्षेत्र का भी सहयोग लिया जाना चाहिए। जल मार्ग परिवहन संबंधित प्राधिकरण का गठन किया गया है, इस दिशा में भी आने वाले दिनों में अच्छे परिणाम मिलेंगे।

● हॉस्पिटल, हाउसिंग और होटल के लिए निजी क्षेत्र की ओर से बड़े प्रस्ताव मिल रहे हैं। आने वाले दिनों में इस सेक्टर में और अधिक तेजी देखने को मिलेगी। नियमों को सरल करें, व्यवहारिकता का ध्यान रखें। निवेशकों की अपेक्षाओं को समझें। यह पूरा सेक्टर अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के साथ-साथ ईज ऑफ लिविंग की दृष्टि से भी उपयोगी सिद्ध होगा।

● OTDE के लिए हर विभाग का लक्ष्य पहले से ही निर्धारित है। इसकी प्रगति की सतत समीक्षा आवश्यक है। हर विभाग की कैपेसिटी बिल्डिंग की जरूरत है। रिफॉर्म की कार्ययोजना तैयार करें, लागू करें। हर काम की समयसीमा तय करें। यही प्रदेश है जहां 2016-17 में एक्साइज से मात्र 12 हजार करोड़ का राजस्व मिलता था आज 52 हजार करोड़ का राजस्व मिलता है। यानी कमी सामर्थ्य की नहीं, इच्छाशक्ति की थी।

● आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के लिए नगर निकायों व ग्राम पंचायतों का आत्मनिर्भर होना आवश्यक है। इनके आय संवर्धन के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। गांव हो या कस्बे, हर जगह आम आदमी को अच्छी सड़क, शुद्ध पेयजल, बेहतर जनसुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। आकांक्षात्मक जनपद और आकांक्षात्मक विकासखंड की प्रगति की लगातार समीक्षा की जाए, जहां कमी हो, उसे दूर किया जाए।

बीएसपी (Bsp) सुप्रीमो मायावती नें ट्वीट कर बीजेपी(Bjp ) को घेरा हरियाणा में आरक्षण को लेकर किया ट्वीट

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1. हरियाणा की नई भाजपा सरकार द्वारा एससी समाज के आरक्षण में वर्गीकरण को लागू करने अर्थात आरक्षण कोटे के भीतर कोटा की नई व्यवस्था लागू करने का फैसला दलितों को फिर से बांटने व उन्हें आपस में ही लड़ाते रहने का षड़यंत्र। यह दलित विरोधी ही नहीं बल्कि घोर आरक्षण विरोधी निर्णय है।
2. हरियाणा सरकार को ऐसा करने से रोकने के लिए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के आगे नहीं आने से भी यह साबित है कि कांग्रेस की तरह बीजेपी भी आरक्षण को पहले निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने और अन्ततः इसे समाप्त करने के षडयंत्र में लगी है, जो घोर अनुचित व बीएसपी इसकी घोर विरोधी है।
3. वास्तव में जातिवादी पार्टियों द्वारा एससी-एसटी व ओबीसी समाज में ’फूट डालो-राज करो’ व इनके आरक्षण विरोधी षड़यंत्र आदि के विरुद्ध संघर्ष का ही नाम बीएसपी है। इन वर्गों को संगठित व एकजुट करके उन्हें शासक वर्ग बनाने का हमारा संघर्ष लगातार जारी रहेगा।