क्रैब (केकड़ा) खाने के फायदे और नुकसान, जानें कितना सेहतमंद होता है ये समुद्री भोजन
क्रैब मीट (केकड़े का मांस) के सेवन से शरीर को तमाम फायदे मिलते हैं लेकिन कुछ लोगों के लिए इसका सेवन हानिकारक भी होता है।
हमारे खानपान का सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। शरीर को स्वस्थ और पौष्टिक तत्वों से भरपूर बनाए रखने के लिए लोग तमाम चीजों का सेवन करते हैं। आज के समय में सीफूड खाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सीफूड का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। दुनियाभर में लोग कई तरह के सीफूड का सेवन करते हैं। सीफूड खाने के शौकीन क्रैब यानि केकड़ा का सेवन जरूर करते हैं। क्रैब मीट का सेवन स्वास्थ्य के लिए अनेकों गुणों से युक्त होता है लेकिन अगर इसका सेवन सही तरीके से नहीं किया जाये तो इसके नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं। क्रस्टेशियन यानी कड़े खोल वाले केकड़ों की प्रजाति में तमाम तरह के केंकड़े होते हैं लेकिन इनमें से कुछ क्रैब का सेवन लोग करते हैं। यह समुद्री भोजन तमाम पोषक तत्वों से भरपूर होता है। आइये जानते हैं क्रैब मीट के सेवन से शरीर को होने वाले फायदे और इसके नुकसान के बारे में।
क्रैब मीट में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Crab Meat Nutritional Value)
केकड़ा के मांस यानि क्रैब मीट में स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद अनेक पोषक तत्व मौजूद होते हैं। क्रैब मीट भूरे रंग का होता है और इसमें विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है। क्रैब मीट में विटामिन बी12, सेलेनियम, जिंक, आयोडीन जैसे पोषक तत्व प्रमुखता से पाए जाते हैं। केकड़े के मांस को आप अपनी डाइट में भी शामिल कर सकते हैं। आइये जानते हैं इसमें मौजूद पोषक तवों के बारे में।
विटामिन बी 12
फोलेट
आयरन
सेलेनियम
जस्ता
नियासिन
कैलोरी
प्रोटीन
फॉस्फोरस
क्रैब मीट खाने के फायदे (Crab Meat Health Benefits)
क्रैब मीट में प्रचुर मात्रा में मौजूद प्रोटीन शरीर की मांसपेशियों का विकास करने के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन, ओमेगा 3 और सेलेनियम भी शरीर के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। नियमित रूप से केकड़े के मांस का सेवन करना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। यही कारण है कि दुनियाभर में लोग इसका खूब सेवन करते हैं। क्रैब मीट के सेवन से स्वास्थ्य को मिलने वाले फायदे इस प्रकार से हैं।
1. एनीमिया की समस्या में फायदेमंद – केकड़े के मांस यानि क्रैब मीट का सेवन एनीमिया की समस्या में बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व जैसे विटामिन बी 12 और फोलेट व आयरन एनीमिया की समस्या में बहुत फायदेमंद होते हैं। विटामिन की कमी से होने वाले एनीमिया में कम हुईं लाल रक्त कणिकाओं के लिए इसका सेवन फायदेमंद होता है।
2. हार्ट के लिए बहुत उपयोगी – क्रैब मीट का सेवन करने से दिल का स्वास्थ्य ठीक रहता है और दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों के बचाव में भी ये फायदेमंद माना जाता है। क्रैब मीट में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड हार्ट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद महत्वपूर्ण पोषक तत्व ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद कर सकते हैं, रक्त के थक्के को कम करने का काम करते हैं।
3. दिमाग को स्वस्थ रखने में फायदेमंद – तमाम शोध इस बात की पुष्टि करते हैं कि केकड़े का मांस दिमाग की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। सप्ताह में कम से कम एक बार सीफूड का सेवन मस्तिष्क के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। क्रैब मीट का सेवन करने से अल्जाइमर जैसे रोग का खतरा कम होता है। क्रैब मीट में मौजूद ओमेगा 3 दिमाग की सेहत के लिए उपयोगी माना जाता है।
4. हड्डियों के लिए फायदेमंद क्रैब मीट – हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए क्रैब मीट का सेवन जरूर करना चाहिए। क्रैब मीट में मौजूद फॉस्फोरस हड्डियों के लिए बहुत उपयोगी होता है। क्रैब मीट में पाया जाने वाले फॉस्फोरस हड्डियों के साथ-साथ दांतों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या में भी क्रैब मीट का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।
5. प्रोटीन का अच्छा स्रोत – क्रैब मीट में प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पायी जाती है। केकड़े के मांस को प्रोटीन के सबसे अच्छे स्रोत के रूप में जाना जाता है। इसमें संतृप्त वसा की मात्रा नहीं होती है जिसकी वजह से यह सेहत के लिए और उपयोगी हो जाता है। इसमें पाया जाने वाले प्रोटीन उच्च गुणवत्ता का होता है।
क्रैब मीट खाने के नुकसान (Side Effects of Eating Crab Meat)
केकड़े के सेवन से स्वास्थ्य को फायदे तो होते ही हैं लेकिन कुछ लोगों के लिए इसका सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है। इसके सेवन से होने वाले प्रमुख नुकसान इस प्रकार से हैं।
सीलिएक रोग या ग्लूटेन के प्रति संवेदनशीलता वाले लोगों को क्रैब मीट के सेवन से बचना चाहिए।
केकड़े के मांस में कैडमियम की मात्रा अधिक पायी जाती है, जिसका अधिक मात्रा में सेवन विषाक्त होता है।
केकड़े में सोडियम की भी मात्रा अधिक होती है इसलिए हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं, बच्चों और कुछ वयस्कों में इसके सेवन से फूड प्वाइजनिंग की समस्या हो सकती है।