जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सत्र के पहले दिन PDP विधायक वहीद उर रहमान पारा द्वारा जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे और अनुच्छेद 370 को हटाने का प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद हंगामा शुरू हो गया।

0
45

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “हमें पता था कि इसके लिए एक सदस्य द्वारा तैयारी की जा रही है…वास्तविकता यह है कि जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 को लिए गए फैसले को स्वीकार नहीं करते हैं। अगर उन्होंने इसे स्वीकार किया होता, तो आज के नतीजे अलग होते। सदन इस पर कैसे विचार करेगा और चर्चा करेगा, यह कोई एक सदस्य तय नहीं करेगा। आज लाए गए प्रस्ताव का कोई महत्व नहीं है, यह केवल कैमरों के लिए है। अगर इसके पीछे कोई उद्देश्य होता, तो वे पहले हमसे इस पर चर्चा करते…”

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वास्तविकता यह है कि जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 को लिए गए निर्णय को स्वीकार नहीं करते हैं। अगर उन्होंने इसे स्वीकार किया होता, तो आज के परिणाम अलग होते। सदन इस पर कैसे विचार करेगा और इस पर चर्चा करेगा, यह कोई एक सदस्य तय नहीं करेगा। आज लाए गए प्रस्ताव का कोई महत्व नहीं है, बल्कि यह केवल कैमरों के लिए है।
उन्होंने कहा कि अगर इसके पीछे कोई उद्देश्य होता, तो वे पहले हमारे साथ इस पर चर्चा करते। उल्लेखनीय है कि अनुच्छेद 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा तथा स्वायत्तता प्रस्ताव का क्रियान्वयन नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा जम्मू-कश्मीर चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किए गए मुख्य वादों में से एक था।

https://x.com/i/status/1853316111212990654

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here