इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की कोर्ट सुनाएगी फैसला
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्म स्थान और शाही ईदगाह विवाद मामले में सभी वादों की एक साथ सुनवाई आदेश वापसी की अर्जी पर हुई थी बहस,कोर्ट ने 16 अक्टूबर को आदेश किया था रिजर्व
सभी वादों में मांगी गई राहतें अलग व असमान एक साथ सुनना सही नहीं: मस्जिद पक्ष
सभी वादों का मुद्दा एक तो अलग सुनने का औचित्य नहीं -मंदिर पक्ष
प्रयागराज। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में आज बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट एक अहम फैसला सुनाएगी। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की कोर्ट बुधवार दोपहर बाद 3:50 पर सभी 15 वादों को कंसोलिडेशन यानि एक साथ सुनवाई करने के मामले पर फैसला सुनाएगी।
मुस्लिम पक्ष ने 15 वादों की एक साथ सुनवाई करने के 11 जनवरी 2024 के आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए एक रिकॉल एप्लिकेशन दाखिल की थी। जिस पर 16 अक्टूबर को बहस पूरी हो गई थी । जस्टिस मयंक कुमार जैन ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब इसी मामले पर आज बुधवार को फैसला आने वाला है।
इस दौरान मस्जिद पक्ष ने तर्क दिया कि सभी 15 वादों के अनुतोष भिन्न भिन्न व असमान है । इसलिए इन्हें एक साथ सुनना सही नहीं होगा। सबमें वाद विंदुओं के अनुसार अलग- अलग सुनवाई की जानी चाहिए। और रिकॉल आवेदन को स्वीकार करने की कोर्ट से प्रार्थना की थी।
वही हिंदू पक्ष का कहना है कि सभी वादों का मुद्दा एक है तो अलग-अलग सुनने का औचित्य नहीं बनता है। 11 जनवरी 2024 का कोर्ट का आदेश सही है।
इससे पहले कोर्ट ने श्रीकृष्ण भूमि व शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर दाखिल किए गए सभी 15 वादों को एक साथ सुनने के आदेश दिया था। इसके बाद ,वादों की पोषणीयता पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मस्जिद पक्ष की आपत्ति खारिज कर दी थी । और वाद विंदु तय करने के लिए पक्ष रखने का आदेश दिया था।
मस्जिद पक्ष की ओर से 16 अक्टूबर को पर तस्नीम अहमदी व महमूद प्राचा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दलील दी थी कि अलग अलग मांग के साथ दाखिल वादों की एक साथ सुनवाई नहीं हो सकती। सभी वादों को संयुक्त करने का आदेश पोषणीय नहीं है, क्योंकि सभी पक्षकारों से सहमति नहीं ली गई है। उन्होंने कोर्ट से सभी मुकदमों को एक साथ सुने जाने के आदेश को वापस लेने की प्रार्थना की।
वहीं मंदिर पक्ष की ओर से इसका विरोध किया गया था और कहा गया कि अदालत को एक ही मुद्दे को लेकर दाखिल वादों की एक साथ सुनवाई करने का अधिकार है। दो या अधिक वादों को एकीकृत कर सुनवाई करने का विवेकाधिकार है। सभी वाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थल से अवैध कब्जा हटाकर कटरा केशव देव को कब्जा सौंपने के संबंधित है।
मंदिर पक्ष की तरफ से विष्णु शंकर जैन ,रीना एन सिंह,आदि ने पक्ष रखा।
अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने दलील दी कि रिकॉल प्रार्थना मामले को उलझाने के लिए दाखिल किया गया है। सभी विवादों का एकत्रीकरण कर तत्काल वाद बिंदु तय कर सुनवाई करने की प्रार्थना की। वहीं आशुतोष पांडेय ने दलील दी कि मुस्लिम पक्ष चाहता है कि वाद बिंदु न तय हो पाए और केस की सुनवाई टली रहे। इसीलिए तरह-तरह के आवेदन दाखिल किए जा रहे हैं।
अखबारो नें क्या लिखा –
https://ndtv.in/uttar-pradesh-news/shri-krishna-janmabhoomi-shahi-idgah-masjid-controversy-allahabad-high-court-decision-on-muslim-side-recall-petition-tomorrow-6849559
https://www.abplive.com/states/up-uk/krishna-janmabhoomi-shahi-idgah-case-allahabad-high-court-verdict-on-recall-petition-of-muslim-side-ann-2808907