•पुलिस एनकाउंटर में कोई अपराधी घायल होता है या किसी की मौत हो जाती है तो शूटआउट साइट की वीडियोग्राफी करानी होगी.
•अगर एनकाउंटर में अपराधी की मौत हो जाती है तो दो डॉक्टरों का पैनल डेडबॉडी का पोस्टमार्टम करेगा और उसकी भी वीडियोग्राफी होगी
•जिस जगह पर शूटआउट हुआ, वहां फॉरेंसिक टीम भी निरीक्षण करेगी.
•जहां एनकाउंटर हुआ है उस क्षेत्र के थाने की पुलिस जांच नहीं करेगी. दूसरे थाने की पुलिस या फिर क्राइम ब्रांच से उसकी जांच कराई जाएगी
•एनकाउंटर में शामिल अफसरों से एक रैंक ऊपर के अधिकारी ही इसकी जांच करेंगे.
•एनकाउंटर में मारे गए अपराधी के परिजनों को भी इसकी सूचना तुरंत दी जाएगी. इसकी जानकारी पंचनामा रिपोर्ट में भी देनी होगी
•एनकाउंटर के दौरान जिन हथियारों का इस्तेमाल किया गया है उनको भी सरेंडर करना होगा. ताकि उन हथियारों की भी जांत हो सके
•जिन मामले में अपराधी घायल होते हैं उसमें उनसे बरामद गए हथियारों का भी बैलिस्टिक परीक्षण कराया जाएगा.