गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल की उपस्थिति में यह पुरस्कार भारतीय फिल्म एवं चाणक्य धारावाहिक के निर्देशक पद्म श्री चंद्रप्रकाश द्विवेदी द्वारा प्रदान किया गया।
डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय अमदावाद में आयोजित सप्तरंग शॉर्ट फेस्ट में जातिगत भेदभाव को दूर करने के लिए प्रेरित करने वाली लघु फिल्म ‘जलते दिये’ ने भारतीय सिनेमा की बेस्ट शॉर्ट फिल्म का पुरस्कार जीता।
भारतीय चित्र साधना और विश्व संवाद केंद्र ने सप्तरंग लघु उत्सव का आयोजन किया। इसमें लगभग 277 लघु फिल्में पंजीकृत थीं।
चंद्रकांत पटेल के मुताबिक अब समाज में पंच परिवर्तन की आवश्यकता है । पंच परिवर्तन मे १) सामाजिक समरसता, २) पारिवारिक प्रबोधन, ३)पर्यावरण, ४)स्वदेशी और ५)नागरिक कर्तव्य.. इस पंच परिवर्तन के माध्यम से ही भारत अपनी महिमा देख सकता है… लघु फिल्म के निर्माण के माध्यम से समाज में तेजी से बदलाव आ सकता है…
उन्होंने ये भी बताया कि,
इस धरती पर इंसान का जन्म किसी विशेष लेबल के साथ नहीं होता है। परमात्मा सभी को एक समान बनाकर धरती पर जन्म देता है। किसके घर पैदा होऊं, इसका कोई विकल्प नहीं चुना जाता है.. जैसे आज दुनिया में पैदा होने वाले सभी बच्चे एक जैसे हैं, तो ऊंच-नीच कहां से आ गया?
वर्तमान में मंगल ग्रह पर कोई जीवन नहीं है। अब लगता है दुनिया के देश वहां जाएंगे.. सालों बाद शायद वहां जीवन होगा. विभिन्न देशों के लोग वहां जाकर घर बनाएंगे… क्या आपको लगता है कि देश के केवल उन्हीं लोगों को वहां प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए जो जातिगत भेदभाव नहीं रखते हैं।