इसराइल ने कहा है कि उसने ग़ज़ा में मौजूद हमास के नेता याह्या सिनवार को मार दिया है. इसराइल सिनवार को पिछले साल 7 अक्तूबर को हुए इसराइल पर हमास के हमले का मुख्य साज़िशकर्ता बताता रहा है.
उस हमास के हमले में 1200 लोग मारे गए थे और 251 लोगों को अग़वा कर लिया गया था. इसके तुरंत बाद इसराइल ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी थी. सिनवार इस युद्ध की शुरुआत में ही ग़ायब हो गए थे.
इसमें हैरानी की कोई बात नहीं थी क्योंकि जब ड्रोन, जासूसी के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और ख़ुफिया एजेंटों की मदद से हज़ारों इसराइली सैनिक उनकी तलाश कर रहे हों, तो याह्या का ग़ायब हो जाना लाज़मी था.
लेकिन अंत में इसराइली सेना के मुताबिक, दक्षिणी ग़ज़ा में सक्रिय सैनिकों ने सिनवार को एक इमारत के भीतर मार डाला. उस इमारत में किसी के बंधक होने के कोई सबूत नहीं मिले. फिंगरप्रिंट और डेंटल रिकॉर्ड के सहारे सिनवार की शिनाख़्त करने के बाद गुरुवार को इसराइल ने उनकी मृत्यु की घोषणा की थी.
इसरायली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा, “जिसने हमारे लोगों के ख़िलाफ़ इतिहास में सबसे खराब नरसंहार को अंजाम दिया, कट्टर आतंकवादी जिसने हजारों इसराइलियों की हत्या की और हमारे सैकड़ों नागरिकों का अपहरण किया, आज हमारे बहादुर सैनिकों ने उसे मार दिया है.”
इसराइल 7 अक्टूबर को अपने दक्षिणी इलाक़े पर हमले के लिए हमास के अन्य नेताओं के साथ याह्या सिनवार को भी ज़िम्मेदार मानता था.
पिछले साल अक्टूबर महीने की शुरुआत में इसराइल के सुरक्षा बलों के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने एलान किया था “याह्या सिनवार एक कमांडर हैं… और अब उनकी मौत तय है.”
इसराइल के सुरक्षा बलों के चीफ ऑफ स्टाफ हर्ज़ी हलेवी ने कहा था, “इस जघन्य हमले का फ़ैसला याह्या सिनवार ने किया था, इसलिए याह्या और उनकी कमान के तहत काम करने वाला हर शख़्स अब हमारे निशाने पर है.”
इनमें लोगों की नज़र से दूर रहने वाले मुहम्मद दैफ़ भी शामिल थे, जो हमास की सैन्य शाखा इज़्ज़ेदीन अल क़ासम ब्रिगेड्स के नेता थे. दैफ़ भी इसराइली हमले में मारे जा चुके हैं.
यूरोपियन कॉउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के सीनियर पॉलिसी फेलो ह्यू लोवाट्ट मानते हैं कि 7 अक्टूबर के हमले की योजना बनाने के पीछे मुहम्मद दैफ़ का ही दिमाग़ था, क्योंकि ये एक सैन्य अभियान था.
लेकिन लोवाट्ट कहते हैं, “इस बात की काफ़ी संभावना है कि हमास के जिन नेताओं ने इस हमले की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया, उनमें याह्या सिनवार भी शामिल रहे होंगे.”
याह्या सिनवार, इस्माइल हनिया के बाद हमास के दूसरे नंबर के नेता माने जाते थे. इसी वर्ष जुलाई में इसमाइल हानिया को भी इसराइल ने मार दिया था. इसके बाद हमास का नेतृत्व याह्या ने संभाल लिया था.
इसराइल को ये मालूम था कि सिनवार ज़मीन के नीचे, अपने सुरक्षाकर्मियों से घिरे ग़ज़ा की किसी सुरंग में छुपे हुए थे. और वो किसी से संपर्क नहीं करते थे क्योंकि सिनवार को डर था कि वो किसी से बात करेंगे तो उनके ठिकाने का सुराग़ मिल जाएगा.