AI से लड़े जाएंगे युद्द आदमी की जगह रोबो फोर्स करेगी दुश्मन का खात्मा

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AI से लड़े जाएंगे युद्द आदमी की जगह रोबो फोर्स करेगी दुश्मन का खात्मा

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https://www.tesla.com/we-robot

एलन मस्क की कंपनी नें AI जनरेटेड रोबोट

ROBOT FORCE
TESLA, OPTIMUS

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We Robot Carousel Slide 2 Robovan Desktop scaled अविष्कार किया हैं ..जो घर और आफिस के काम
आसानी से कर सकता हैं …
Tesla की तरफ से नई टेक्नोलॉजी लाने पर विचार किया जा रहा है। टेस्ला CEO एलन मस्क की तरफ से कंपनी का नया इनोवेशन लाया गया है। Robovan व्हीकल के अलावा Optimus मानव रोबोट को भी उतारा गया है। टेस्ला के रोबोट को डेली लाइफ के लिए बहुत जरूरी बताया गया है। मस्क ने इस दौरान बताया कि इस रोबोट को अलग-अलग टास्क पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी मदद से पैकेज को कैरी किया जा सकता है।
लेकिन भविष्य की तकनीकी को देखते हुएं एलन मस्क ऐसे रोबोट का अविष्कार करने में लगे हुए
जो कि युद्द लड़ेगे …एनल मस्क की रोबो फोर्स एक तरह से आईरन मैन फिल्म के आईरन मैन
की तरह होगी ..आईरन मैन सीरीज की फिल्मे हर किसी नें देखी हैं ..अब इसी किरदार को ध्यान में रखकर रोबो तैयार किएं जा रहे हैं

2008 में मार्वल की फिल्म आयरन मैन रिलीज़ हुई. इस फिल्म ने दुनियाभर में तहलका मचा दिया. लड़के-लड़कियां आयरन मैन के दीवाने हो गए. फिल्म का मु्ख्य किरदार है टोनी स्टार्क. एक उद्योगपति, जो साथ ही साथ जीनियस भी है. कमाल का आविष्कारक है. रॉबर्ट डाउनी जूनियर इस किरदार में ढलने के लिए एक आदमी के पास गए थे.
ये आदमी अंतरिक्ष में रॉकेट भेजने वाली ज़बरदस्त कंपनी चलाता है. इसकी एक और कंपनी सबसे शानदार इलेक्ट्रिक कार बनाती है. ये आदमी बड़े शहरों के नीचे कई सुरंग बना रहा है. ये आदमी इंसानी दिमाग को मशीन से जोड़ने वाली टेक्नोलॉजी तैयार कर रहा है.
ये आदमी बड़े-बड़े सपने देखता है. उन्हें पूरा करने की काबिलियत भी रखता है. अपनी कई हरकतों के चलते आलोचना भी पाता है. लेकिन इसे असल दुनिया का आयरन मैन कहा जाता है. इस आदमी का नाम है इलॉन मस्क. ये आदमी दुनिया के सबसे अमीर इंसानों में से एक है.

28 जून, 1971. साउथ अफ्रीका के प्रिटोरिया शहर में इलॉन मस्क पैदा हुए. इनकी मम्मी मे मस्क एक मॉडल थीं. और पापा इरॉल मस्क इंजीनियर थे.
इलॉन बचपन से ही अलग टाइप के थे. अपने में खोए रहने वाले. जब ये कुछ सोच रहे होते थे और कोई कुछ कहता था तो इनके कानों में जूं भी नहीं रेंगती थी. इनके मम्मी-पापा को लगता कि ये बहरा हो गया है. इलॉन बताते हैं कि ये सबसे अच्छा टाइम हुआ करता था.

बुरा वक्त इलॉन का इंतज़ार कर रहा था. आगे चलकर मम्मी-पापा का डिवॉर्स हो गया. इलॉन ने पापा के साथ रहना चुना. पिता के साथ उनका अनुभव बुरा रहा. वो एक अच्छे पिता नहीं थे. इधर घर में इलॉन पर ध्यान देने वाला कोई नहीं था, उधर स्कूल में इन्हें बुली किया जाने लगा. साथ के बच्चे इन्हें खूब परेशान करते थे. एक बार स्कूल के लौंडों ने इलॉन मस्क को ऐसा मारा कि हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा.
इन सबसे दूर इलॉन मस्क को किताबों का आसरा मिला. बचपन से किताबें पढ़ने का चस्का था. इनकी याददाश्त भी बहुत कमाल थी. फोटोग्राफिक मेमोरी. एक बार कोई चीज़ पढ़ ली, तो दिमाग में छप जाती थी. जब पढ़ने को आसपास की किताबें कम पड़ गईं, तो मस्क ने पूरा एन्साइक्लोपीडिया चाट मारा.
किताबों के साथ मस्क का ध्यान कंप्यूटर की ओर गया. दस की उम्र में कंप्यूटर कोडिंग सीखने लगे. 12 साल के इलॉन ने एक कंप्यूटर गेम बना डाला. इस गेम का नाम था ब्लास्टर. इलॉन मस्क ने इस गेम को एक मैग्ज़ीन को बेचकर 500 डॉलर कमाए.

इंटरनेट की लहर पर सवार जब 17 के हुए को साउथ अफ्रीका छोड़ने का मन बना लिया. साउथ अफ्रीका में मिलिटरी सर्विस कंपलसरी हुआ करती थी. इससे बचने के लिए इलॉन कैनेडा चले गए. यहां क्वीन्स यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. लेकिन इलॉन अमेरिका जाना चाहते थे. कैनेडा वहां जाने का ज़रिया भर था. मस्क ने बाद में यूनिर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया में ट्रांसफर करा लिया. जब यहां से पास हुए, तो उनके हाथ में दो डिग्री थी. फिज़िक्स और इकॉनमिक्स.
इसके बाद इलॉन मस्क पीएचडी करने स्टैनफर्ड यूनिर्सिटी पहुंचे. लेकिन मन में कुछ और ही चल रहा था. दो दिन बाद पीएचडी छोड़ दी. दुनिया में उस वक्त इंटरनेट अपने पांव जमा रहा था. इलॉन अपने छोटे भाई किंबल मस्क के साथ इंटरनेट की दुनिया में कूद गए. इसके लिए मस्क ने पापा से पैसे लिए और अपने छोटे भाई के साथ मिलकर Zip2 नाम की सॉफ्टवेयर कंपनी बनाई. इस कंपनी को कॉम्पेक ने खरीद लिया. मस्क को 22 मिलियन डॉलर (अभी के हिसाब से करीब 161 करोड़ रुपये) मिले.

इस पैसे से इन्होंने X.com नाम की कंपनी शुरू कर दी. ये तब की शुरुआती ऑनलाइन बैंकिंग कंपनियों में से थीं. यही कंपनी बाद में चलकर Paypal बनी. 2002 में इस कंपनी को eBay को बेच दिया. इससे मस्क को US$165 million (अभी के हिसाब से करीब 1200 करोड़ रुपये) मिले. इस पैसे को लेकर मस्क अय्याशी से रह सकते थे, लेकिन इनका दिमाग मंगल की परिक्रमा करने लगा. इलॉन को हमेशा से ही साइंस-फिक्शन बहुत पसंद थे. अब वो इन कल्पनाओं को हकीकत बनाने की तरफ चल दिए. बड़े-बडे़ सपने 2001 में मार्स ओएसिस का आइडिया आया. प्रयोग के तौर पर पृथ्वी से मंगल ग्रह पर ग्रीनहाउस भेजा जाए. वहां पौधे उगाए जाएं. लेकिन अंतरिक्ष में कूच करने के लिए रॉकेट की ज़रूरत होती है. मस्क को पता चला कि रूस से सस्ते रॉकेट जुगाड़े जा सकते हैं. इसी सिलसिले में वो 2001 में में रूस गए. लेकिन वहां मस्क को नए लौंडे की तरह देखा गया. और हल्के में ले लिया.

2002 में मस्क दोबारा रशिया पहुंचे. तीन ICBM खरीदने के मकसद से. इंटर कॉन्टिनेंट बैलेस्टिक मिसाइल. इन पुरानी मिसाइलों को रॉकेट की तरह इस्तेमाल किया जा सकता था. लेकिन रूस के ठेकेदारों ने एक मिसाइल की कीमत आठ मिलियन डॉलर (करीब 58 करोड़ रुपये, अभी के हिसाब से) बताई. मस्क को ये पैसा बहुत ज़्यादा लगा और वो मीटिंग छोड़ के निकल लिए. उन्हें लगा कि वो खुद इससे कम पैसे में रॉकेट बना सकते हैं.
इसके बाद इलॉन मस्क की कहानी उनकी बनाई कंपनियां बयां करती हैं. स्पेसऐक्स – अंतरिक्ष में छलांग इलॉन मस्क को लगता है कि एक ग्रह पर रहना थोड़ा रिस्की मामला है. हो सकता है कल को तृतीय विश्व युद्ध छिड़ जाए और न्यूलीयर धमाकों से ये दुनिया खत्म हो जाए. या हो सकता है जैसे एक ऐस्टेरॉइड ने पृथ्वी से डायनासौर्स को खत्म कर दिया, वैसे ही मनुष्यों का निशान भी मिट जाए. तो हमारी सभ्यता की ऐक्सपायरी डेट आगे बढ़ाने के लिए हमें दूसरे ग्रहों पर भी अपना डेरा जमाना होगा.
2002 में इलॉन मस्क ने स्पेस ऐक्सप्लोरेशन टेक्नोलॉजीज़ नाम की कंपनी बनाई. आगे चलकर यही कंपनी स्पेसऐक्स के नाम से पॉपुलर हुई. इलॉन अंतरिक्ष में होने वाली यात्रा को आसान और सस्ता बनाना चाहते थे. स्पेसऐक्स का मकसद है मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती बनाना. इलॉन चाहते हैं कि इंसान सिर्फ एक ग्रह तक सीमित न रहकर मल्टिप्लानेटरी स्पीशीज़ बनें. यानी अनेक ग्रहों पर रहने वाली प्रजाति.

स्पेसऐक्स की शुरुआत तो हो गई लेकिन इसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. 2006 में कंपनी का पहला रॉकेट लॉन्च के 33 सेकंड बाद ही फेल हो गया. इसके बाद 2007 और 2008 में हुए दूसरे और तीसरे रॉकेट लॉन्च भी फेल हो गए. तीसरे फेलियर के बाद कंपनी बंद होने की कगार पर आ गई.
स्पेसएक्स के पहले तीन रॉकेट लॉन्च लगातार फेल हुए. अब इलॉन मस्क के पास सिर्फ इतना पैसा बचा कि सिर्फ एक और रॉकेट लॉन्च ट्राय किया जा सकता था. इस बार सब ठीक रहा. 28 सितंबर, 2008 को फैल्कन-1 रॉकेट अपने चौथे लॉन्च में सफलतापूर्वक अर्थ ऑर्बिट में पहुंच गया.

इलॉन मस्क के मुताबिक, 2008 उनकी ज़िंदगी का सबसे बुरा साल था. बड़ी मुश्किल से स्पेसऐक्स का पहला रॉकेट लॉन्च हो पाया. इनकी दूसरी कंपनी टेस्ला लगातार घाटे में चल रही थी. इलॉक मस्क लगभग कंगाल होने की कगार पर आ गए. इन्हें कंगाल होने से किसने बाचाया ये आगे जानेंगे. पहले टेस्ला और सोलर सिटी की बात कर लेते हैं. टेस्ला और सोलर सिटी – साफ ऊर्जा की दुनिया मस्क को इलेक्ट्रिक कार में बहुत संभावनाएं नज़र आती थीं. 2003 में टेस्ला मोटर्स नाम की एक इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी शुरू हुई. इसे मस्क ने शुरू नहीं किया था. लेकिन 2004 में मस्क ने टेस्ला मोटर्स को सबसे ज़्यादा फंडिंग दी और कंपनी जॉइन कर ली. मस्क ने टेस्ला की पहली कार बनाने में अहम भूमिका निभाई.
2006 में टेस्ला मोटर्स ने रोडस्टर नाम की अपनी पहली कार लॉन्च की. इस वक्त इलॉन मस्क टेस्ला के चेयरमेन बन चुके थे. लेकिन 2007 आते-आते टेस्ला बैंकरप्ट होने वाली थी. इलॉन ने अपनी जेब से पैसा लगाकर इस कंपनी को बचाया. और 2008 में मस्क इस कंपनी के सीईओ भी बन गए. टेस्ला ने आगे जाकर इलेक्ट्रिक कारों के बेहद आधुनिक मॉडल बनाए. और लोगों का भरोसा जीत लिया.

मस्क दुनिया से ऊर्जा की समस्या हल करना चाहते हैं. उनकी कार ईधन से तो नहीं चलतीं, लेकिन उसमें इस्तेमाल होने वाली बिजली तो फॉसिल फ्यूल का इस्तेमाल करती थी. और फॉसिल फ्यूल के भंडार एक न एक दिन दुनिया से खत्म हो जाएंगे. ऐसे में दुनिया से एनर्जी की प्रॉब्लम का हल कैसे निकलेगा? इसलिए इलॉन मस्क दुनिया को रिन्यूएबल एनर्जी की ओर ले जाना चाहते हैं.
स्पेस और ऑटोमोबाइल के बाद मस्क को एक ऐनर्जी कंपनी का आइडिया आया. सोलर सिटी. ये एक सोलर एनर्जी कंपनी है जिसकी शुरुआत 2006 में हुई. मस्क ने अपने कज़िन पीटर और लिंडन राइव इसे शुरू करने के लिए कहा. इसके लिए पैसे और बाकी मदद इलॉन मस्क ने की.

2013 में सोलर सिटी अमेरिका में घरेलू सोलर पैनल लगाने वाली लीडिंग कंपनी बनी. 2016 में टेस्ला ने सोलर सिटी को खरीद लिया. फिर इनकी कहानी साथ ही आगे बढ़ी. डूबने के बाद की उड़ान वापस 2008 पर चलते हैं. स्पेसऐक्स, टेस्ला और सोलरसिटी के साथ इलॉन मस्क दीवालिए होने वाले थे. मस्क ने अपना पूरा पैसा चौथे रॉकेट लॉन्च में लगा दिया था. किस्मत से ये सफल रहा. दिसंबर 2008 में स्पेसऐक्स को नासा की तरफ से 1.5 बिलियन डॉलर का कॉन्ट्रेक्ट मिल गया. नासा ने स्पेसऐक्स को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में अपना सामान भेजने का काम दिया.
धीरे-धीरे टेस्ला ही हालत भी सुधरने लगी. टेस्ला को बड़े इनवेस्टर मिलने लगे. रोडस्टर के बाद टेस्ला मॉडल S का प्रोटोटाइप लेकर आई. कई लोग इससे इंप्रेस हुए. कंपनी को अमेरिका की सरकार से लोन मिल गया. 2010 में टेस्ला मोटर्स IPO लेकर आई और पब्लिक हो गई. इससे जुटाई राशि के बाद मॉडल S का प्रोडक्शन चालू हुआ. 2012 में ये कार मार्केट में आ गई.

2013 में टेस्ला ने अमरीकी सरकार को सूद समेत पूरा लोन चुका दिया. इसके बाद टेस्ला ने कई और लग्ज़री और आधुनिक वाहन बनाए. और ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक बहुत बड़ी कंपनी बनकर उभरी.
2012 में स्पेसऐक्स ISS सामान भेजने वाली पहली प्राइवेट कंपनी बनी. इसके बाद इस कंपनी ने रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड तोड़े.
दिसंबर 2015 में इतिहास में पहली बार किसी रॉकेट को ऑर्बिटल लॉन्च के बाद पृथ्वी पर लैंड कराया गया. ये स्पेसऐक्स का फैल्कन 9 रॉकेट था. अप्रैल 2016 में इसी रॉकेट को लॉन्च के बाद ऐटलांटिक महासागर में तैनात एक जहाज़ पर लैंड कराया गया. स्पेसऐक्स रीयूज़ेबल रॉकेट से नए कीर्तिमान स्थापित करने लगी. जो रॉकेट लॉन्च के बाद किसी काम का नहीं रहता था, अब उसे दोबारा इस्तेमाल किया जाने लगा. इससे उनका बहुत सारा पैसा बचने लगा.

मई, 2020 में स्पेसऐक्स नासा के दो ऐस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में लेकर गई. इस मिशन का नाम था डेमो-2. इस डेमॉन्स्ट्रेशन के बाद स्पेसऐक्स ने ऐस्ट्रोनॉट्स भेजने के लिए नासा का भरोसा हासिल किया. और इसके साथ स्पेसऐक्स इंसान को अंतरिक्ष में ले जाने वाली पहली प्राइवेट कंपनी बनी. अब नासा और स्पेसऐक्स साथ मिलकर आगे के मिशन्स की तैयारी कर रहे हैं. कितना काम करोगे भैया? टेस्ला और स्पेसऐक्स मस्क की दो सबसे बड़ी कंपनी हैं लेकिन उनका मन इतने में शांत बैठने वाला नहीं था. इलॉन मस्क इसके अलावा कई और क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. इनके बारे में बहुत ब्रीफली जान लीजिए.
स्टारलिंक
स्पेसऐक्स का बेहद महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है स्टारलिंक. स्टारलिंक के ज़रिए इलॉन मस्क दुनिया के हर कोने में इंटरनेट की पहुंच बनाना चाहते हैं. अब तक जिस इंटरनेट पर दुनिया चल रही है, वो मुख्यत: ज़मीन के भीतर बिछी फाइबर केबल्स से चलता है. लेकिन इनकी पहुंच हर जगह नहीं है. इलॉन मस्क की कंपनी सैटेलाइट के ज़रिए तेज़ और ज़्यादा कवरेज वाला इंटरनेट लॉन्च करने की तैयारी में है. इसके हज़ारों सैटेलाइट्स को लॉन्च किया जा रहा है. इन सैटेलाइट्स का नेटवर्क स्टारलिंक पूरी दुनिया में तेज़ इंटरनेट उपलब्ध कराएगा. अब तक स्टारलिंक की 955 से ज़्यादा सैटेलाइट्स लॉन्च भी हो चुकी है.

हाइपरलूप
2012 में इलॉन मस्क ने पहली बार हाइपरलूप का ज़िक्र किया. ये एक पैसेंजर ट्रांसपोर्ट सिस्टम है, जिस पर पर कई दूसरी कंपनियां भी काम कर रही हैं. इसका कॉन्सेप्ट स्पेसऐक्स और टेस्ला ने साथ मिलकर तैयार किया है. लगभग वैक्यूम जैसे ट्यूब्स के अंदर प्रेशराइज़्ड पॉड्स को चलाया जाएगा. इसके लिए इलैक्ट्रोमैग्नेटिक फोर्स का सहारा लेना होगा. चूंकि वैक्यूम ट्यूब के अंदर हवा का घर्षण रुकावट पैदा नहीं करेगा, इसलिए ये एक हाई-स्पीड ट्रांसपोर्ट सिस्टम होगा.

बोरिंग कंपनी
इलॉन मस्क की ये कंपनी ट्रैफिक की समस्या सुलझाने के लिए बनी है. सड़क पर गाड़ियां बढ़ती ही जा रही हैं और उनके लिए जगह कम होती जा रही है. इसलिए मस्क ने ज़मीन के नीचे टनल बनाने की ठान ली. बोरिंग कंपनी शहरों के नीचे कई सुरंगें बनाएगी, जिससे शहर के ट्रांसपोर्ट को नीचे शिफ्ट किया जा सके. बोरिंग कंपनी हाइपरलूप प्रोजेक्ट के लिए एक सपोर्ट का काम भी करेगी.
ओपन AI
AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस. ये टेक्नॉलजी हर दिन अपने पैर पसारते जा रही है. जहां एक ओर ये बहुत मददगार है, वहीं भविष्य में इसके खतरनाक साबित होने का डर भी है. कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि मशीन सीखते-सीखते हमसे ज़्यादा पावरफुल हो जाएगी और हमारे खात्मे का कारण भी बन सकती हैं. इलॉन मस्क लंबे अरसे से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खतरों को लेकर वोकल हैं. इसी चिंता के चलते मस्क ने 2015 में ओपन AI की शुरुआत की. ये कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर रिसर्च करती है. इसका मकसद है कि AI मानवता के लिए दोस्ताना और लाभकारी साबित हो.
न्यूरालिंक
इलॉन मस्क आपके दिमाग को मशीन से जोड़ना चाहते हैं. अभी हम या तो हाथ से मशीन कंट्रोल करते हैं या आवाज़ से. मस्क को लगता है कि मशीन से संवाद करने का ये धीमा तरीका है. हम सीधे अपने दिमाग से ही मशीन कंट्रोल कर सकते हैं. इसके लिए मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ब्रेन-मशीन इंटरफेस तैयार कर रही है. यानी ऐसी टेक्नोलॉजी कि एक चिप आपके सिर पर लगाने के बाद आपका दिमाग मोबाइल, कंप्यूटर या अन्य मशीनों से जुड़ जाएगा.

कॉन्ट्रोवर्सी का चुंबक मस्क को असल दुनिया का आयरन मैन तो कहा जाता है, लेकिन ये कॉन्ट्रोवर्सी-रहित रहना पसंद नहीं करते.
2018 में इलॉन मस्क ने एक ट्वीट में टेस्ला को प्राइवेट करने की बात लिखी थी. इसके बाद टेस्ला के स्टॉक्स में उथल पुथल मच गई. इसके बाद अमेरिका की सिक्योरिटीज़ एंड ऐक्सचेंज कमिशन (SEC) ने इलॉन मस्क पर मुकदमा चला दिया. इलॉन मस्क पर शेयरधारकों को धोखा देने का आरोप लगा. इसके लिए उन्हें भारी जुर्माना चुकाना पड़ा. और तीन साल के लिए टेस्ला का सीईओ पद छोड़ना पड़ा.
इसके बाद एक और बड़ी कॉन्ट्रोवर्सी तब हुई जब इलॉन मस्क ने गांजा फूंक लिया. इलॉन मस्क जो रोगन के पॉडकास्ट में बैठे थे. जो रोगन ने एक जॉइंट चलाया और इलॉन मस्क ने उसमें से एक कश मार लिया. और ये मोमेंट कैमरे में रिकॉर्ड हो गया. फिर क्या? हो गया बवाल. इत्ती बड़ी-बड़ी कंपनियों का मालिक और ऑन-कैमरा गांजा फूंक रहा है. कुछ ने सीरियसली लिया, कुछ ने मजे लिए. लेकिन इलॉन मस्क की कंपनियों के स्टॉक उस दिन धड़ाम से गिर गए.
2020 में कोरोनावायरस के चलते इलॉन मस्क एक ताजी कॉन्ट्रोवर्सी में घिर गए. इन्होंने इसे बिलकुल सीरियसली नहीं लिया. हल्की बायनबाज़ी से लेकर लॉकडाउन के दौरान अपनी कंपनी खोलने फैसलों ने इन्हें विवादों में रखा.
इन सबके बावजूद इलॉन मस्क कई लोगों के लिए एक इंसपिरेशनल फिगर हैं. कुछ के लिए आयरनमैन हैं. कुछ के लिए सुपरह्यूमन हैं. और कई लोग कहते हैं कि ये इंसान नहीं एलियन है. जो भी हो, लेकिन ये बंदा बहुत पोटास वाला है.

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