टिनिटस (Tinnitus) एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को अपने कानों में शोर सुनाई देता है, हालांकि बाहरी वातावरण में कोई वास्तविक ध्वनि नहीं होती। यह शोर घंटी बजने, गूंजने, सीटी बजने या अन्य किसी तरह की आवाज़ के रूप में हो सकता है। यह समस्या अस्थायी हो सकती है, लेकिन कई मामलों में यह लंबे समय तक भी बनी रह सकती है।
टिनिटस के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें कान के भीतर या सुनने की नसों से संबंधित समस्याएँ प्रमुख हैं। अधिक शोर में रहने, कान में मैल जमने, कान की चोट, संक्रमण, या सुनने की क्षमता में कमी इसके मुख्य कारण हो सकते हैं। इसके अलावा, उच्च रक्तचाप, सिर में चोट, या कुछ दवाइयों का उपयोग भी टिनिटस का कारण बन सकता है।
हालांकि टिनिटस का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जैसे शोर-रहित वातावरण से बचना, कान की देखभाल करना, तनाव को कम करना और डॉक्टर की सलाह पर दवाइयाँ या थेरेपी लेना।
कान में सीटी बजने की समस्या को दूर करने के उपाय
1. डॉ. डिंपल जंगड़ा कहती हैं कि यदि आपके कान बजते (kan kyo bajta hai) हैं, सीटी जैसी आवाज आती रहती है, कान बंद हैं, खाते समय कानों में दर्द होता है तो आप सबसे पहले ठंडी चीजों का सेवन पूरी तरह से बंद कर दें. आइसक्रीम, सोडा, ठंडा पानी, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स ना पिएं. डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही, छाछ, पनीर, चीज का सेवन बंद कर दें. ऐसा इसलिए, क्योंकि ये सभी चीजें शरीर में जाकर अधिक म्यूकस यानी बलगम बनाती हैं.
2. बार-बार सर्दी, खांसी जुकाम ना हो, इसका भी ध्यान रखें. कई बार अधिक बलगम होने से भी कान बंद हो जाते हैं या बजने लगते हैं. ऐसे में कोशिश करें कि अधिक बलगम ना जमा हो. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप गर्म पानी से भाप लें (स्टीम इनहेलेशन). इसके लिए आप पानी में कुछ बूंदें नीलगिरी के तेल, सौंफ के तेल, टी ट्री के तेल, पुदीने के तेल या फिर थाइम तेल की कुछ बूंदों को पानी में मिलाकर भाप लेने से फायदा होगा.
3. कान का दर्द कम करने के लिए आप अजवाइन के बीज का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे तवे पर भूनकर, पुल्टिस बैग (poultice bag) में रखकर कानों की सिंकाई कर सकते हैं.
4. आयुर्वेद में एक और उपाय कर्ण पुराण (Karna Purana) है. इसमें गर्म तिल का तेल लेते हैं. हल्का गर्म तेल लें, ताकि दोनों कानों में कुछ बूंदों को आराम से डाला जा सके. इससे ईयर कैनाल (Ear Canal) चिकना हो जाता है और अतिरिक्त गंदगी, यहां तक कि फंसे हुए बलगम और विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाता है.
5. यदि समस्या बनी रहती है और लक्षण बढ़ते हैं तो राहत पाने के लिए डॉक्टर से जरूर दिखाएं. एक्सपर्ट कानों की जांच करेंगे. गंदगी को साफ करेंगे. आप इन तमाम नेचुरल तरीके से इस समस्या को ठीक कर सकते हैं.
Nice article
Thanks